बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बार कॉउंसिल ने कोरोना महामारी और उसके चलते हुए लॉक डाउन में अधिवक्ताओं की आजीविका को हुए नुकसान की भरपाई के लिए लॉक डाउन की अवधि के दौरान 10,000 रूपये प्रति माह आर्थिक सहायता प्रदान करने की सरकार से मांग की है। इस संबंध में बार कॉउंसिल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन सौंपा है। प्रतिनिधिमंडल में बार कॉउंसिल के अध्यक्ष प्रभाकर सिंह चंदेल, सदस्य भरत लाल लोनिया, बिलासपुर जिला अधिवक्ता संघ के सचिव रवि पाण्डेय तथा अधिवक्ता मनोहर चौहान शामिल थे।
मुख्यमंत्री बघेल के साथ बार कॉउंसिल अध्यक्ष चंदेल की सौजन्य मुलाक़ात की जानकारी देते हुए कॉउंसिल के सचिव अमित वर्मा ने बताया कि बार कॉउंसिल की ओर से श्री चंदेल ने छत्तीसगढ़ शासन से प्रत्येक अधिवक्ता का 40 लाख रूपये का जीवन बीमा करने, उनके परिवारजनों का 15 लाख रूपये तक का स्वास्थ्य बीमा और अधिवक्ताओं के कल्याण हेतु कार्पस मनी भी प्रदान किए जाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि इन मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री ने सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
उन्होंने बताया कि बार कॉउंसिल द्वारा अभी तक लगभग 2500 अधिवक्ताओं को 03-03 हजार रुपयों की आर्थिक सहायता दी गई है, लेकिन शासन से इसके लिए कोई अनुदान अभी तक बार कॉउंसिल को नहीं मिला है। राज्य में लगभग 28000 अधिवक्ता पंजीकृत हैं और कोरोना महामारी और लॉक डाउन के कारण उनकी आजीविका का बहुत नुकसान हुआ है। इस समय इनमें से अधिकांश को तुरंत सहायता की जरूरत है। बार कॉउंसिल द्वारा उन्हें राहत पहुंचाने की हर संभव कोशिश की जा रही है।