बलरामपुर-रामानुजगंज
शंकरगढ़ क्षेत्र के ग्राम जम्होर निवासी कुख्यात माओवादी बोखा प्रजापति ने पुलिस के लगातार दबाव के बाद अपने घर में शुक्रवार को बलरामपुर एसपी के सामने आत्मसम्पर्ण कर दिया। बोखा पीएलएफआई दस्ते का कमांडर था। जो दो वर्षो से क्षेत्र में आतंक प्रर्याय बना हुआ था। घिरियालता गुफा व सीतारामपुर पाट में पुलिस की पकड़ में आने के बाद भी वह फरार होने में सफल हो गया था। क्षेत्र मवेशी व्यवसायी की हत्या, लेव्ही वसूली, पुलिस से मुठभेड़, जान से मारने की धमकी व लूटपाट सहित अन्य कई संगीन मामलों में व शामिल था।
पिछले दो वर्षो से पीएलएफआई की सक्रियता की जानकारी पुलिस को जशपुर के सरहदी इलाके से मिल रही थी। बलरामपुर रामानुजगंज जिले में आतंक का प्रर्याय पीएलएफआई कमांडर शंकरगढ़ के ग्राम जम्होर निवासी बोखा प्रजापति पिता स्व. वस्तु प्रजापति 42 वर्ष ने पुलिस के समक्ष आत्मसम्पर्ण कर दिया। बोखा गु्रप का कमांडर रहते हुये जिले के जोकापाट, लहसून पाट, सीतारामपुर पाट, भालुपानी, ध्वजापाट, सरेंगाजोगी, आसनपानी, नूनपानी, रजवाडोरी, बैरडीह, कोटपाली, कोठली, जमगड़ी इलाके में अपने दस्ते के साथ सक्रिय था। एक वर्ष पूर्व पहली बार वह क्षेत्र घिरियालता गुफा से पकड़ा गया था। इस दौरान वह पुलिस को वह चकमा देकर फरार हो गया था। दूसरी बार वह सीतारामपुर पाट में पकड़े जाने के बाद भी वह पुलिस के चंगुल से निकल गया था।
क्षेत्र में आतंक का प्रर्याय बने बोखा प्रजापति के मामले को गंभीरता से लेते हुये आईजी दीपांशु काबरा के मार्ग दर्शन व बलरामपुर एसपी सदांनद कुमार के निर्देश पर कंपनी कमाण्डर बृजेश तिवारी ने विशेष टीम गठित करते हुये लगातार बोखा दस्ते के खिलाफ कार्यवाही में लगी थी। पुलिस के दबाव से भयभीत होकर बोखा ने बलरामपुर एसपी के समक्ष 26 फरवरी को 5 नग 315 बोर रायफल एवं 19 कारतूस के साथ अपने गांव जम्होर में आत्मसम्पर्ण कर दिया है। पुलिस की इस सफलता पर एसपी ने 5 हजार रूपये की इनाम की घोषणा की वहीं आईजी ने भी पुलिस टीम को बधाई देते हुये इनाम की घोषणा की है।