
बलरामपुर…(कृष्णमोहन कुमार)..जिले में हाल ही के दिनों में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों पर चुनाव संपन्न हुए..14 सदस्यों वाले बलरामपुर जिला पंचायत में इस बार चुनाव में जो देखने को मिला ..अनुशासन की राजनीतिक पार्टी कहे जाने वाले भाजपा में अनुशासनहीनता …हालांकि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव राजनीतिक दल नहीं बल्कि उनके समर्थित प्रत्याशी चुनाव लड़ते है!..

अब अनुशासनहीनता इसलिए क्योंकि 14 सीटों वाले बलरामपुर जिला पंचायत में 12 सीटों पर भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए..जबकि 02 सीटों पर कांग्रेस समर्थित सदस्यों का कब्जा है..ऐसे में भाजपा संगठन चाहता था..की अध्यक्ष और उपाध्यक्ष निर्विरोध चुन लिए जाए.लेकिन संगठन का सपना साकार ना हो सका..संगठन के सपने को सामरी विधायक उदेश्वरी पैंकरा के पति सिद्धनाथ पैंकरा ने पलीता लगा दिया..सिद्धनाथ बागी होकर अध्यक्ष चुनाव के लिए चुनाव मैदान में थे..जबकि दूसरी ओर भाजपा समर्थित हिरामुनी निकुंज थी..चुनाव में हिरामुनी निकुंज को 09 और सिद्धनाथ पैंकरा को 05 वोट मिले..और विधायक पति को करारी हार का सामना करना पड़ा..

बता दे की सिद्धनाथ पैंकरा ने अपनी हार का ठीकरा कृषि मंत्री रामविचार नेताम के सिर पर फोड़ा..कई गंभीर आरोप लगाए..लेकिन धरातल की हकीकत तो यह थी..की भाजपा ने सिद्धनाथ को चुनाव मैदान में उतारा ही नहीं था..जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 12 से सिद्धनाथ पैंकरा जिला पंचायत सदस्य चुन कर आये है..जबकि यहां भी सिद्धनाथ बागी होकर चुनाव लड़े.. सिद्धनाथ पैंकरा पर आरोप तो यह भी है कि..क्षेत्र क्रमांक 12 से भाजपा समर्थित प्रत्याशी सुंधेश प्रसाद सिंह का नामांकन वापस करा दिया..
अब बात दस वर्षों पुरानी जब सिद्धनाथ पैंकरा के कहने पर ही संगठन को अपना फैसला बदलना पड़ा था..और सिद्धनाथ पैंकरा के समर्थक को जिला पंचायत उपाध्यक्ष बनाया गया था..और 10 साल बाद उसी संगठन के फैसले से सिद्धनाथ नाराज हो गए है..बहरहाल संगठन सिद्धनाथ की नाराजगी दूर करता है..या फिर अनुशासन का डंडा चलाता है!.यह तो आने वाला समय ही बतायेगा..