बलौदाबाजार..(कृष्णमोहन कुमार)..जिले में देह व्यापार के मामले में पुलिस ने कार्यवाही की है..इस कार्यवाही में पुलिस ने देह व्यापार में संलिप्त लोगो को पकड़ा है..इसके साथ ही देह व्यापार के भंडाफोड़ कार्यवाही से जिले हड़कम्प मच गया है..ऐसा इसलिए क्योंकि यह गोरख कारोबार कुछ ऐसे लोगो के सह पर चला करता था,जिसका खुलासा अब खुद जिले की पुलिस भी करने से कतरा रही है..और ऐसा लाज़िमी भी है..
विश्वस्त सूत्र बता रहे है कि इस गोरखधंधे से पुलिस के हांथ भी रंगे हुए है..इस रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद अब साफ हो गया है कि तत्कालीन एसडीओपी जो अब एडिशनल एसपी प्रमोट हो चुके है..इसके साथ ही तत्कालीन थानेदार, हवलदार की भी संलिप्तता इस मामले पायी गई है..इतना ही नही कथित पत्रकार की भूमिका भी इस मामले को और संजीदा बना बैठी है..पुलिस के आलाधिकारियों का कहना है मामले की सूक्ष्मता से जांच की जा रही है..और जो कोईभी दोषी पाए जाते है..उनके विरुद्ध कार्यवाही होगी..चाहे वह अपना सगा भी क्यो ना हो..
यह है मामला..
बलौदाबाजार थाना सिटी कोतवाली के अपराध क्र. 250/2024 धारा 384,389,34 भादवि के प्रकरण की जांच में पीड़ित पक्ष के लोगों से विस्तृत पूछताछ की गई है, जिसमें यह तथ्य सामने आया कि मुख्य सरगना शिरीष पांडे, मंजूलता फेकर, मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरैया, दुर्गा टंडन, महान मिश्रा व अन्य आरोपियों द्वारा महिलाओं को पीड़ितों के घर में भेजा जाता था तथा उसके पश्चात पीड़ितों द्वारा बिना कोई अपराध किये, उन्हें झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर, दबावपूर्वक, अपराधिक षड्यंत्र करते हुए, मोटी रकम उगाही की जाती थी। ऐसे मामले संज्ञान में आने पर जांच तस्दीक़ कर अपराध पंजीबद्ध करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अविनाश ठाकुर के मार्गदर्शन में विवेचना कार्यवाही में लिया गया था..प्रकरण में अब तक 04 आरोपियों को पकड़ा गया है, जिनसे पूछताछ पर बलौदाबाजार शहर में भयादोहन कर लाखों रुपए की वसूली करने वाले एक गिरोह का भांडाफोड़ किया गया है। इस गिरोह का मुख्य सरगना व मास्टर माइंड शिरीष पांडे एवं पुष्पमाला फेकर है, जो कि अभी फरार है जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है।
यह है असल मे मामला!..
दरअसल इस गिरोह का मुख्य सरगना एवं मास्टरमाइंड शिरीष पांडे एवं पुष्पमाला फेकर.. इन दोनों आरोपियों द्वारा ही बलौदाबाजार नगर में धनाढ्य एवं अन्य लोगों को चिन्हित किया जाता था, उसके पश्चात शिरीष पांडे द्वारा अपनी राजनीतिक पहुंच एवं पहचान का प्रभाव दिखाते हुए उनसे मेलजोल बढ़ाकर, उनको लडकी उपलब्ध करने का झांसा दिया जाता था ..इस गिरोह में मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरैया व दुर्गा टंडन दोनों आरोपी लोकल बलौदाबाजार के निवासी होने के कारण टारगेट पॉइंट (प्रार्थी) से मिलने एवं उन्हें फंसाने के लिए आने वाली लड़कियों के बलौदाबाजार शहर में रहने, खाने एवं अन्य सुविधाओं का इंतजाम करते थे..जिसके बाद उस टारगेट से लड़की के मिलने के बाद, उस लड़की को महिला संबंधी अपराध का प्रार्थी बनाते हुए थाने में रिपोर्ट करने के लिए ले जाने का नाटक किया करते थे। इस दौरान यह दोनों आरोपी उस लड़की के रिश्तेदार बनकर सामने प्रस्तुत हुआ करते थे।
हीराकाली – यह प्रकरण की एक अन्य आरोपी है, जो कि टारगेट को फंसाने के लिए लड़की का इंतजाम करती थी। यही गिरोह से संपर्क के माध्यम से लड़कियों को बुलाकर टारगेट के पास भेजती थी।
पत्रकार आशीष शुक्ला – यह आरोपी पत्रकारिता की आड़ में बहुत ही शातिर तरीके से टारगेट को धमकाने के लिए उसका यह कृत्य न्यूज एवं प्रेस के माध्यम से लोगों तक पहुंचा दिया जाएगा, इस प्रकार का लोक-लाज का भय दिखाकर वसूली करने का काम करता था। पूछताछ में पता चला है कि आरोपी आशीष शुक्ला द्वारा एक प्रार्थी से ₹1,25,000 का मांग किया गया था, जिसमें प्रार्थी द्वारा ₹75000 का भुगतान करना पाया गया था!..
“इधर इस मामले को लेकर को लेकर कप्तान सदानंद कुमार ने कहा है कि दोषियों को बख्शा नही जायेगा.. कार्यवाही होगी!..”