रायपुर। बागेश्वर धाम पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के छत्तीसगढ़ दौरे ने धर्म से लेकर राजनीति तक नई बहस छेड़ दी है। भिलाई में चल रही हनुमंत कथा के चौथे दिन माहौल पूरी तरह सियासी रंग में रंगा नजर आया। सरकारी विमान के इस्तेमाल से लेकर प्रोटोकॉल तक, हर मुद्दे पर विपक्ष और सत्ता पक्ष आमने-सामने हैं। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और बाबा बागेश्वर के बीच बयानबाजी ने सियासत का तापमान और बढ़ा दिया है।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने धीरेंद्र शास्त्री को सीधे तौर पर भाजपा का एजेंट बताते हुए खुली चुनौती दी। इस बयान के बाद धार्मिक मंच पर चल रही कथा अचानक राजनीतिक अखाड़ा बन गई। बघेल के आरोपों पर पलटवार करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने राष्ट्र, सनातन और हनुमान भक्ति का हवाला दिया और दो टूक कहा कि हर समस्या का समाधान चर्च नहीं होता। उनके इस बयान को कांग्रेस नेताओं ने सीधे तौर पर निशाना साधने वाला बताया।
इधर, हनुमंत कथा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की मौजूदगी ने भी राजनीति को नई धार दे दी। दोनों नेताओं ने व्यासपीठ पर पहुंचकर आशीर्वाद लिया, जिसके बाद बाबा के प्रोटोकॉल और सरकारी सुविधाओं को लेकर कांग्रेस ने सवालों की झड़ी लगा दी। तीन दिन पहले धीरेंद्र शास्त्री के छत्तीसगढ़ शासन के सरकारी विमान से भिलाई पहुंचने को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कांग्रेस नेताओं के बयानों को सनातन का अपमान बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। वहीं, धीरेंद्र शास्त्री ने खुद को राजनीति से ऊपर बताते हुए सनातन विरोधियों पर कड़ा रुख अपनाया और देश को लेकर टिप्पणी कर दी। इस बयान से भूपेश बघेल और आक्रामक हो गए। उन्होंने पहले बाबा को भाजपा का एजेंट और फिर भाजपा का प्रचारक बताते हुए राज्य सरकार पर सीधा हमला बोला।
अब इस सियासी घमासान के बीच धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भूपेश बघेल को नसीहत देते हुए फिर दोहराया कि हर मुद्दे का समाधान चर्च में नहीं है। बयान दर बयान से साफ है कि छत्तीसगढ़ में धर्म और राजनीति की यह जंग फिलहाल थमने वाली नहीं है, और आने वाले दिनों में यह विवाद और गहराने के संकेत दे रहा है।
