रायपुर. वन मंत्री मोहम्मद अकबर के दिशा निर्देशन और प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) अतुल कुमार शुक्ल के मार्गदर्शन में वन विभाग द्वारा वन्य प्राणियों के अवैध शिकार तथा व्यापार पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.
इसी तारतम्य में मुख्य वन संरक्षक जनक राम नायक ने कांकेर वन मण्डल के अंतर्गत हाल ही में की गई कार्यवाही के बारे में जानकारी दी. जिसमें उन्होंने बताया कि बाघ के खाल की तस्करी में लिप्त 08 आरोपियों को मौके पर पकड़ लिया गया है. इसमें एक नग बाघ के खाल सहित चार नग मोटर सायकल और 11 नग मोबाइल वन विभाग की टीम द्वारा जप्त किया गया है.
गौरतलब है कि वन विभाग की टीम को बीते 29 नवम्बर को खबर मिली कि एक बाघ के खाल का सौदा बीजापुर में किया जा रहा है. इसकी जानकारी मिलते ही वन विभाग की स्पेशल टीम एन्टी पोचिंग यूनिट तथा डाॅग स्क्वायड अचानकमार टाइगर रिजर्व द्वारा तत्परता से कार्यवाही करते हुए. बीजापुर के एक व्यक्ति से फोन से सम्पर्क कर सौदा करने का प्रयास किया गया. उस व्यक्ति ने कहा कि मैं पैसा झराने वाले बाबा को ढूंढ रहा हूं. मुख्य वन संरक्षक श्री नायक ने बताया कि वन विभाग द्वारा अपने ही एक कर्मचारी को बाबा बनाकर उस व्यक्ति के पास भेजा गया.
इसी प्रकार एन्टी पोचिंग यूनिट तथा डाॅग स्क्वायड अचानकमार टाइगर रिजर्व के दल नायक संदीप सिंह की अगुवाई में स्निफर डाॅग सिम्बा और नेरो के साथ वन मण्डल कांकेर के टीम द्वारा जिला कांकेर तहसील नरहरपुर के अंतर्गत ग्राम किसनपुरी के एक घर में घेराबंदी की गई. दल द्वारा मौके पर एक नग बाघ के खाल सहित चार नग मोटर सायकल तथा 11 नग मोबाइल को भी जप्त किया गया.
मुख्य वन संरक्षक श्री नायक ने बताया कि बाघ के खाल को पकड़ने की कार्रवाई में गठित टीम के साथ-साथ कांकेर वन मण्डल के सीयाराम सिंह, आरके मण्डले तथा कैलाश सिंह ठाकुर आदि कर्मचारियों का सक्रिय सहयोग रहा.