कांकेर. पुलिस ने नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के मामले में एक और युवक को गिरफ्तार कर लिया है. नक्सलियों तक राशन पहुंचाने वाले ठेकेदार अरुण ठाकुर को कोयलीबेड़ा से गिरफ्तार किया गया है. एसआईटी (SIT) की टीम ने कार्यवाही करते हुए शहरी नेटवर्क के मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस का दावा है कि नक्सलियों को समान पहुंचाने वालों को गिरफ्तार कर ‘लाल आतंक’ की कमर तोड़ दी है. धुर नक्सल इलाके कोयलीबेड़ा में नक्सलियों और सड़क ठेकेदारों के बीच मध्यस्तता का काम करने वाले ठेकेदार अरुण ठाकुर को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार ठेकेदार कोयलीबेड़ा में सड़क निर्माण कंपनी के ठेकेदार अजय जैन, तारस और कोमल वर्मा के भेजे जाने वाले राशन, स्टेशनरी सामान, नक्सली वर्दी और अन्य सामान सीधे नक्सलियों तक पहुंचाता था.
गिरफ्तार ठेकेदार बेहद अंदरूनी नक्सल इलाकों में सड़क निर्माण का काम भी कर रहा था. इसके पहले पुलिस ने बीते बुधवार को नक्सलियों के शहरी नेटवर्क से जुड़े दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया था.
इनमें एक ब्लॉक पंचायत का सदस्य और दूसरा नक्सली कमांडर का भाई था. बुधवार को कोयलीबेड़ा इलाके से राजेंद्र सलाम (28) और मुकेश सलाम (30) को गिरफ्तार किया गया था. इसके पहले कांकेर पुलिस ने 24 मार्च को राजनांदगांव जिले के एक ठेकेदार की बोलेरो से नक्सलियों को भेजी जाने वाली सामग्री के साथ तापस पालित को गिरफ्तार किया था. तापस से पूछताछ के आधार पर राजनांदगांव निवासी दयाशंकर मिश्रा को दबोचा. 24 अप्रैल को राजनांदगांव निवासी ठेकेदार अजय जैन व कोमल प्रसाद वर्मा, उसके कर्मचारी रोहित नाग निवास कोयलीबेड़ा, डामर प्लांट के मैनेजर सुशील शर्मा निवासी मेरठ (उत्तर प्रदेश) और सुरेश शरणागत निवासी बालाघाट (मध्य प्रदेश) को गिरफ्तार किया था. वहीं 5 मई को टोनी भदौरिया उर्फ शीलेंद्र भदौरिया निवास राजनांदगांव को दबोचा गया था.