अम्बिकापुर. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के युवा आदिवासी पत्रकार सुशील कुमार बखला के खिलाफ सत्ता पक्ष के दबाव में हुई कोतवाली थाना में द्वेषपूर्वक कार्यवाही के विरोध में दूसरे दिन भी पत्रकार अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे रहे. वहीं धरना के दूसरे दिन पीड़ित पत्रकार सुशील बखला को विशेष पिछड़ी जनजाति पंडो समाज का भी समर्थन मिला. विशेष पिछड़ी जनजाति के प्रदेश अध्यक्ष उदय पण्डो ने पत्रकार के साथ हुई घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पत्रकार जनसरोकार के लिए बिना भेदभाव के मुद्दा उठाते हैं. ऐसे में आदिवासी पत्रकार सुशील बखला के साथ हुई द्वेषपूर्वक कार्यवाही का पण्डो समाज विरोध करता हैं. वही उदय पंडो नें कहा कि यदि पीड़ित पत्रकार को न्याय नहीं मिलता हैं तो पिछड़ी जनजाति पण्डो समाज पत्रकार के समर्थन में कंधा से कंधा मिलाकर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होगा.
गौरतलब है कि सरगुजा में विगत दिनों इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार सुशील कुमार बखला को तथाकथित कांग्रेसी नेता इरफ़ान सिद्धकी ने जातिसूचक और भद्दी-भद्दी गाली देकर जान से मारने की धमकी बस इस बात को लेकर दी थी कि पत्रकार सुशील बखला बतौली के चिरंगा स्थित विवादित माँ कुदरगढ़ी एल्युमिनियम रिफाइनरी फैक्ट्री का खबर बनाने पहुंचे थे. इधर पीड़ित पत्रकार सुशील बखला की शिकायत पर अम्बिकापुर अजाक पुलिस ने आरोपी इरफान सिद्धकी के खिलाफ एक्ट्रोसिटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया है, लेकिन इस मामले में अबतक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. जबकि कोतवाली पुलिस ने पीड़ित सुशील कुमार बखला पर दबाव बनाने की नियत से उलट पत्रकार पर ही आईटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर लिया है.
इधर धरना पर बैठे पत्रकारों की मांग हैं कि इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच कराई जाए. साथ ही पत्रकार सुशील कुमार बखला के खिलाफ कोतवाली थाना में आईटी एक्ट के तहत हुई द्वेषपूर्वक एफआईआर को वापस लिया जाए. इसके अलावा पत्रकारों की मांग है कि आरोपी इरफान सिद्धकी का मां कुदरगढ़ी एल्युमुनिया फैक्ट्री से क्या संबंध है सरकार इसे भी स्पष्ट करे. वही पत्रकारों का कहना है कि जब तक मांग को पूरा नहीं किया जायेगा. तब तक यह धरना अनवरत जारी रहेगा.