अम्बिकापुर में निजी वाहनों पर हूटर बना स्टेटस सिंबल, बाइक वाले पटाखे जैसी आवाज वाले साइलैंसर लगवाए घूम रहे

Chhattisgarh News: अम्बिकापुर शहर में लंबे समय से हूटर बजाते हुए लोगों के बीच से गुजरना इन दिनों स्टेटस सिंबल बन चुका है। निजी वाहनों पर इन दिनों धड़ल्ले से हूटर का प्रयोग हो रहा है लेकिन पुलिस और परिवहन विभाग हूटर का प्रयोग करने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। शासन ने निजी वाहनों पर हूटर के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद भी क्षेत्र के कुछ प्रभावशाली लोग मोटर व्हीकल एक्ट के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए धड़ल्ले से हूटर का प्रयोग कर रहे हैं।

क्षेत्र में आए दिन निजी वाहन हूटर बजाते हुए स्थानीय पुलिस अधिकारियों और जनमानस के बगल से गुजर जाते हैं लेकिन इसके बाद पुलिस विभाग के अधिकारी, कर्मचारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उच्च न्यायालय के निर्देशों के बावजूद वाहनों पर हूटर, लाल-नीली बत्ती लगाकर अनाधिकृत रूप से संचालित वाहनों पर लगाया जा रहा है। सरकार के निर्देश पर वाहनों से लाल, पीली और नीली बत्तियां तो हटा ली गई हैं लेकिन ऐसे वाहनों में सफर करने वाले अब भी वीआईपी के भ्रम से बाहर नहीं आए हैं।

वे हूटर को प्रतिष्ठा और रौब से जोड़कर देख रहे हैं। इसके अलावा कई लोग अपनी मोटर साइकिलों में पटाखों वाले साइलैंसर से बाजार में पटाखे फोड़ते हैं। ऐसे में बाजार में लोगों को शोर से परेशानी का सामना करना पड़ता है।

अधिनियम नहीं देता अनुमति

आरटीओ के अनुसार केंद्रीय मोटरयान नियम 1989 के तहत एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, आरटीओ, डायल 100 वाहनों पर हूटर लगाए जा सकते हैं। इसके अलावा अन्य वाहनों पर ऐसे हॉर्न नहीं लगाया जाएगा, जिससे विभिन्न प्रकार की ध्वनि निकलती हो या कर्कश, कंपित, तेज या ज्यादा शोर उत्पन्न होने वाली कोई दूसरी युक्ति लगी हो। इसके अलावा वाहनों में पटाखों वाले साइलैंसर का उपयोग करना भी प्रतिबंधित है। हूटर लगाए जाने पर पांच हजार रुपए तक जुर्माना किया जा सकता है।

कार्रवाई के लिए चलाएंगे अभियान

अम्बिकापुर कोतवाली थाना प्रभारी रूपेश नारंग ने कहा कि ऐसे वाहनों पर कार्रवाई के लिए अभियान चल रहा है। ये सब बंद कराएंगे। एएसपी विवेक शुक्ला ने कहा कि ऐसे वाहनों पर बीच-बीच में कार्रवाई करते रहते है। फिर से अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।