Fake Diesel: अम्बिकापुर। सरगुजा जिले के मैनपाट क्षेत्र में इन दिनों नकली डीजल का अवैध कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। बड़े-बड़े ड्रम और जरकिनों में लाकर इस नकली डीजल की आपूर्ति दूरस्थ गांवों तक की जा रही है। इस मिलावटी डीजल को पिकअप वाहनों के जरिए छोटे दुकानों में सप्लाई किया जा रहा है, जो सरकार की गाइडलाइंस का उल्लंघन करते हुए खुलेआम बेचा जा रहा है।
मिलावटी डीजल का खेल, थिनर और सॉल्वेंट से तैयार हो रहा नकली ईंधन
मैनपाट के विभिन्न गांवों में नकली डीजल की सप्लाई हो रही है, जिसमें थिनर, सॉल्वेंट और रंग मिलाकर इसे असली डीजल की तरह दिखाया जाता है। यह नकली डीजल, तेल कंपनियों द्वारा निर्धारित दर से 10 से 15 रुपए प्रति लीटर सस्ता बेचा जा रहा है। यह न केवल गैरकानूनी है, बल्कि वाहनों और पर्यावरण पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार वाहनों में केवल यूरो 6 मानक का डीजल इस्तेमाल होना चाहिए, जबकि यह नकली डीजल न्यूनतम मानकों पर भी खरा नहीं उतरता। इसके अलावा, डीजल बेचने के लिए लाइसेंस और पेट्रोलियम सुरक्षा मानकों का पालन जरूरी है, लेकिन यहां यह सारा खेल बिना किसी वैधानिक अनुज्ञा के चल रहा है।
पर्यावरण और वाहन दोनों को भारी नुकसान
नकली डीजल के इस्तेमाल से न केवल पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि वाहनों के इंजन पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ग्राहक थोड़े पैसे बचाने के चक्कर में इस नकली डीजल का उपयोग तो कर लेते हैं, लेकिन इसके दीर्घकालिक नुकसान को नहीं समझ पाते। नकली डीजल लंबे समय तक इस्तेमाल किए जाने से इंजन सीज होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
80 से 85 रुपये प्रति लीटर में बिक रहा नकली डीजल
पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अनुसार, जहां असली डीजल की कीमत 96 रुपए प्रति लीटर है, वहीं नकली डीजल 80 से 85 रुपए प्रति लीटर में बेचा जा रहा है। उत्तर प्रदेश से आने वाले कंज्यूमर पंपों के कारण असली डीजल की बिक्री प्रभावित हो रही है, जबकि मिलावटी डीजल के सस्ते दाम और इसके विक्रय ने पंप संचालकों के व्यापार को बुरी तरह प्रभावित किया है। नकली डीजल दिखने में हूबहू असली डीजल जैसा होता है, जिससे मिलावटखोर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।
मैनपाट में फिर से उठ रही नकली डीजल की लहर
कुछ साल पहले मैनपाट क्षेत्र में नकली डीजल की आपूर्ति पर कार्रवाई की गई थी, जिससे इस अवैध कारोबार पर कुछ हद तक रोक लगी थी। लेकिन अब फिर से इस काले कारोबार की जड़ें गहरी हो रही हैं। सूत्रों के अनुसार, सीतापुर क्षेत्र से जुड़े कुछ ट्रांसपोर्टर इस अवैध कारोबार में शामिल हैं, जो मैनपाट और आसपास के क्षेत्रों में नकली डीजल की सप्लाई कर रहे हैं।
प्रशासन की सुस्ती से फल-फूल रहा है कारोबार
नकली डीजल का कारोबार गैरकानूनी होने के बावजूद, खाद्य और आपूर्ति विभाग की सुस्ती के चलते यह कारोबार तेजी से फैल रहा है। समय रहते प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो यह न केवल वाहनों के लिए बल्कि क्षेत्र के पर्यावरण के लिए भी गंभीर चुनौती साबित हो सकता है।