संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय परिसर को ऐसे विकसित करें कि लोग यहां आने को उत्सुक हों-अमरजीत भगत

अम्बिकापुर। छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री अमरजीत भगत के मुख्य आतिथ्य में भकुरा स्थित संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय परिसर की हरियाली बढ़ाने विश्वविद्यालय एवं वन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों अधिकारियों द्वारा पौधरोपण किया गया। सर्वप्रथम विश्वविद्यालय परिसर स्थित संत गहिरा गुरू की प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर पूजा अर्चना की गई। कार्यक्रम के दौरा न किसानों को धान पंजीयन के लिए सहायक दस्तावेज के रूप में बी-1 एवं खसरे का वितरण किया गया।

 
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री भगत ने कहा कि संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय का यह परिसर देश के अन्य विश्वविद्यालयों से कई मामले में अनूठा है। परिसर की प्राकृतिक सुंदरता अनुपम है। विश्वविद्यालय परिसर में चल रहे निर्माण कार्यों में प्रगति लाकर ऐसे विकसित करें कि लोग यहां आने को हमेशा उत्सुक हों। जिस प्रकार से मैनपाट की प्राकृतिक सुंदरता लोगों को आकर्षित करती है उसी प्रकार यह विश्वविद्यालय परिसर भी लोगों के आकर्षण का केन्द्र बने। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के बनने से पूरे संभाग का एक अलग पहचान बनेगा और यहां से एक से बढ़कर एक होनहार छात्र तैयार होकर बाहर निकलेंगे।


मंत्री भगत ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में विभिन्न निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति है इसमें तेजी लाने की जरूरत है। विश्वविद्यालय के अधिकारी निर्माण से संबंधित विभागों से समन्वय कर महीने में कम से कम एक बैठक जरूर करें ताकि निर्माण कार्यों से संबंधित विभागीय समस्याओं से अवगत होकर उसकी उचित निराकरण की चर्चा हो सके। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए जिस विभाग को समस्या हो वह बैठक में अपनी समस्या स्पष्टता से रखें।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे लुण्ड्रा विधायक डॉ. प्रीतम राम ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर की प्राकृतिक छटा विद्यार्थियों के अनुकूल है। इसे और सुंदर बनाने के लिए अधिक से अधिक मात्रा में वृक्षारोपण करने की आवश्यकता है। उन्होंने ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में भवन निर्माण शुरू होने के साथ ही प्रतिवर्ष वृक्षारोपण किया जाता रहा है। परिसर में बारिश के पानी को रोक कर झरना का स्वरूप देने से इसकी सुंदरता में और निखार आएगी उन्होंने कहा कि परिसर में छायादार एवं फलदार पौधों के साथ ही साथ औषधीय पौधों का भी रोपण किया जाना चाहिए।

छत्तीसगढ़ राज्य वनौषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में विगत वर्षों में बड़े पैमाने पर वृक्षरोपण हुए हैं इससे परिसर की हरियाली बढ़ेगी। जो पौधे यहां लगाए जा रहे हैं उसकी देखभाल की भी उचित व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोराना वायरस से लडने में औषधीय पौधे कारगर साबित हो रहे हैं।  विश्वविद्यालय प्रबंधन इस परिसर में 5 एकड़ जमीन उपलब्ध करा पाए तो पादप बोर्ड की ओर से औषधीय पौधों का रोपण किया जाएगा।


छ.ग. श्रम कल्याण के अध्यक्ष शफी अहमद ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में प्रतिवर्ष वृक्षारोपण किया जाना एक अच्छी पहल है। विश्वविद्यालय परिसर में रोपे गए पौधों के नाम के साथ उसके गुण-दोषों की भी जानकारी विद्यार्थियों की दी जाए, ताकि इस परिसर के पादपों से वे पूरी तरह अवगत रहें।

खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा ने कहा कि संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय प्रदेश का सबसे खूबसूरत विश्वविद्यालय होगा। परिसर में चल रहे निर्माण कार्यों में गति लाने से ही विश्वविद्यालय का संचालन यहां शीघ्रता से होगा जिससे सरगुजा अंचल के विद्यार्थियों को लाभ मिल सकेगा। कार्यक्रम को जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह एवं उपाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने भी संबोधित किया।


संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलपति एवं सरगुजा कमिश्नर सुश्री जिनेविवा किण्डो ने स्वागत उदबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय परिसर की हरियाली बढ़ाने के लिए वन विभाग एवं विश्वविद्यालय द्वारा पौधरोपण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भकुरा में विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य 2018 से प्रारंभ हुआ। यहां 35 करोड़ की अनुमानित लागत से कुल 12 कार्यों का निर्माण कार्य किया जाना है। वर्तमान 4 करोड के कार्य प्रगतिरत हैं।

 
इस अवसर पर सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रत्न लाल डांगी, पुलिस अधीक्षक टी.आर. कोशिमा, वमनण्डलाधिकारी पंकज कमल, जनपद पंचायत अम्बिकापुर की अध्यक्ष ननकी सिंह, जनपद सदस्य विकास सिंह सरंपच भकुरा कमला देवी, पार्षद दीपक मिश्रा सहित अन्य जनप्रतिनिधि कर्मचारी अधिकारी उपस्थित थे।