Chhattisgarh: भूपेश सरकार आदिवासियों के साथ शोषण व अन्याय करने वाली सरकार है- कुलस्ते



Ambikapur News: भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा द्वारा आयोजित जनजातीय अधिकार महासम्मेलन केंद्रीय कोयला एवम उद्योग राज्य मंत्री फगन सिंह कुलस्ते के मुख्य आतिथ्य, भाजपा प्रदेश सहप्रभारी नितिन नबीन, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, पूर्व राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम के विशिष्ट आतिथ्य में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार आदिवासियों के साथ शोषण व अन्याय करने वाली सरकार है, अपने 4 वर्ष के कार्यकाल में भूपेश सरकार ने आदिवासियों के लिए ऐसा कोई कार्य नहीं किया। जिसे वह गिना सके, उन्होंने कहा आदिवासियों के अधिकारों को लेकर चल रहे आंदोलन को और तेज करने की जरूरत है। आगे उन्होंने कहा कि भाजपा की रमन सरकार ने अपने 15 वर्षों के कार्यकाल में जनजाति वर्ग के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में आदिवासी बाहुल्य गांव को सड़कों से जोड़ने का काम अटल बिहारी बाजपेई व डॉ रमन सिंह ने ही किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन को आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया जिससे जनजाति समाज गौरवान्वित हुआ।

इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि 75 लाख परिवार को एक रुपए किलो में 35 किलो चावल देने की योजना इस लिए बनी ताकि हमारे आदिवासी भाई बहन कोई भूखा ना सोए, आदिवासी सरगुजा अंचल में सड़क पानी बिजली के साथ-साथ नक्सलवाद भी बड़ी समस्या थी, लोग गांव छोड़कर भागने लगे थे। हमारी सरकार ने नक्सलवाद को खत्म कर सरगुजा के विकास को गति दी, आगे उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल सरकार गरीबों का हक छीनने वाली सरकार है, गरीबों का चावल खाने वाली सरकार है, अब इस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। टीएस सिंहदेव पर कटाक्ष करते हुए आगे उन्होंने कहा कि सरगुजा में मुख्यमंत्री बनने के नाम पर पिछली बार आदिवासी वर्ग को भ्रमित करके वोट लिया गया, और बाद में राजा को भूपेश बघेल ने ऐसा झटका दिया कि वो अब चुनाव लड़ने से भी पीछे हट रहे हैं।

इस अवसर पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि भारत के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद पर इस समाज की बेटी को बैठा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय समाज का गौरव बढ़ाया है, आदिवासी समाज के जीवन में परिवर्तन लाने का काम केवल भाजपा कर रही है, कांग्रेस ने आदिवासी समाज को अशिक्षा, गरीबी तथा भुखमरी दे कर केवल उनका शोषण, उपेक्षा और अपमान किया है ऐसी कांग्रेसी सरकार को उखाड़ फेंकना है।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की 12 जनजाति जो 40 वर्षों से अपने लिए आरक्षण की मांग कर रही थी उन्हें आदिवासियों की सूची में शामिल कर न्याय दिलाने का काम मोदी सरकार ने किया है, आगे उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी आदिवासी वर्ग की बेटी को राष्ट्रपति बनाकर जनजाति समाज को गौरव प्रदान करते हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस की भूपेश सरकार छत्तीसगढ़ की हजारों आदिवासी महिला स्व सहायता समूह से रेडी टू ईट का रोजगार छीन कर उन्हें खून के आंसू रूला रही है, ऐसी तानाशाह सरकार का जाना तय है।

इस अवसर पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि जहां विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा गांव, गरीब, किसान, मजदूर और आदिवासी वर्ग की हितैषी पार्टी है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सरकार के मंत्री जनजाति समाज के व्यक्ति की जमीन भी हड़पने का काम कर रहे हैं। कांग्रेस के एक मंत्री ने अपने बेटे के नाम पर जशपुर जिले में कोरवा समाज की 25 एकड़ भूमि कर ली थी।

इस अवसर पर पूर्व राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम में कहा कि आज जनजातीय अधिकार सम्मेलन में आदिवासी वर्ग अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने के लिए आया है, जब तक छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार है तब गांव गरीब आदिवासी वर्ग का कोई सुनवाई नहीं होगा, इसलिए हमें इस सरकार को बदलना होगा।

कार्यक्रम को पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर, सांसद दिनेश कश्यप, सांसद गोमती साय तथा पूर्व सांसद कमलभान सिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान प्रदीप नारायण सिंह दीवान के नेतृत्व में कोरवा समाज से सैकड़ों लोगों ने भाजपा प्रवेश किया साथ ही आदिवासी नेता धर्मजीत सिंह ने अपने समर्थकों के साथ भाजपा प्रवेश किया।

कार्यक्रम का संचालन भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम व महामंत्री सत्यनारायण सिंह ने किया एवं आभार प्रदर्शन कार्यक्रम प्रभारी भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने किया। कार्यक्रम के दौरान पूर्व मंत्री केदार कश्यप लता उसेंडी महेश गागड़ा भैयालाल राजवाड़े संजय श्रीवास्तव ज्योति आनंद दुबे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, अनिल सिंह मेजर, ललन प्रताप सिंह, बाबूलाल गोयल, ओम प्रकाश जयसवाल, अनिल गुप्ता, कृष्ण बिहारी जायसवाल, अनिल केसरवानी सहित बड़ी संख्या में जनजाति समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।