अम्बिकापुर। सरगुजा जिले के मैनपाट में हाथियों के स्वच्छंद विचरण से ग्रामीण भयभीत है। बुधवार की रात हाथियों ने ग्राम कंडराजा में दो ग्रामीणों का घर क्षतिग्रस्त कर दिया। इसी गांव से शाम को सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार निरीक्षण कर वापस लौटे थे। हाथी प्रभावितों के लिए निर्मित सेफ़ हाउस के क्षतिग्रस्त छत को देखकर उन्होंने जनपद सीईओ को पांच दिन वही रह कर मरम्मत कराने का निर्देश दिया था। कलेक्टर के साथ प्रशासनिक अमले के वापस लौटने के साथ ही हाथियों ने वहां कहर बरपाया।
हाथी प्रभावितों की कालोनी के नजदीक दोनों ग्रामीणों का कच्चे का मकान था। जंगली हाथियों के नजदीक के जंगल में ही मौजूद रहने के कारण शाम को ही दोनों परिवार के सदस्य सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए थे। रात को जंगली हाथी वहां पहुंचे और एक-एक कर दोनों मकानों को तहस-नहस कर दिया। प्रभावितों में त्रिभुवन यादव और संतोष मांझी शामिल है। इन दोनों के घरों को बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त करने के साथ हाथियों ने घर में रखा अनाज भी खा लिया। दैनिक उपयोग के सारे सामान नष्ट कर दिए। सारी रात हाथी आसपास ही विचरण करते रहे। सुबह वापस जंगल की ओर चले गए। दोनों परिवार के सदस्य सुबह जब वापस लौटे तो वहां का नजारा बदला हुआ था। उनका सब कुछ तबाह हो चुका था।
गौरतलब है कि कंडराजा क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से हाथियों का विचरण क्षेत्र रहा है। पूर्व के वर्षों में हाथियों ने यहां दो दर्जन से अधिक मकानों को नष्ट कर दिया था। उस दौरान सभी प्रभावितों को मुआवजा राशि दी गई थी। मुआवजा राशि के अलावा प्रशासन द्वारा डीएमएफ से अतिरिक्त राशि का प्रावधान कर पक्के मकानों का निर्माण करा दिया था, जो हाथी प्रभावितों की कालोनी के नाम से जानी जाती है। इसी कालोनी के 200 मीटर के दायरे से होकर हाथियों का आना-जाना लगा रहता है। लगभग दो महीने से 15 हाथियों का दल मैनपाट और कापू परीक्षेत्र के सीमावर्ती जंगल में जमा हुआ है। शाम को हाथी आबादी क्षेत्रों की ओर प्रवेश करते हैं।