सरगुज़ा संभाग के बलरामपुर-रामानुजगंज ज़िले की भाजपा-कांग्रेस की राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में आ गयी है। बलरामपुर-रामानुजगंज से कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह के चिर प्रतिद्वंद्वी राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने आज सरगुज़ा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर में कानून व्यवस्था को लेकर प्रेस को संबोधित किया। जहां उन्होंने विधायक बृहस्पत सिंह सहित बलरामपुर एसपी-कलेक्टर को भी आड़े हाथ लेते हुए अमर्यादित बयान दे डाला। नेताम ने पुलिस को रखैल कहा, कलेक्टर-एसपी को जूते की माला पहनाने की बात कह डाली। इसके अलावा सीएम भूपेश बघेल को अपने विधायक से सावधान रहने की नसीहत दी है।
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“नंगा नाच हो रहा है। उस क्षेत्र में तो पूरा नंगा नाच हो रहा है। पुलिस तो उसका रखैल बना हुआ है। पुलिस अधीक्षक ऐसा! मतलब वो तो उसका नौकर बनकर काम कर रहा है। पूरे हमारे कार्यकर्ताओं के ऊपर फर्जी तरीके से आपराधिक प्रकरण दर्ज करवा रहा है पुलिस अधीक्षक। इसकी शिकायत हम कर रहे हैं ऊपर में। मैं किया हूँ और अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी नोटिस जारी किया है। जिस प्रकार से काम चल रहा है। ये तो दिख रहा है चारों तरफ, पुलिस का अधीक्षक होकर उस पद की गरिमा नहीं रख सकता। तो ऐसे लोग को रिजाइन कर देना चाहिए। लेकिन पोस्ट को तो बर्बाद न करें, कलेक्टर और एसपी। कलेक्टर-एसपी अगर इस तरह से काम करेगा तो जनता का उसपर विश्वास कैसे रहेगा। जनता के साथ न्याय कैसे करेंगे। प्रशासनिक दृष्टि से सबसे बड़ा पद है, जिला का अथॉरिटी है। और कलेक्टर और एसपी गुलाम बनकर काम करे कोई, ये बर्दास्त के बाहर है।और इसको जितना होगा उतना हम प्रचारित करेंगे। जनता तक ले जाएँगे। और जरूरत पड़ी तो उन्हें जूता की माला पहनाया जाएगा। पूरी तरह लोकतंत्र की हत्या हो रही है। जिस प्रकार से वो तरह-तरह का वीडियो कभी वायरल करता है। कभी एसडीएम-तहसीलदार को बोलता है कि कोई इनको किडनैप कर लिया। कौन वायरल करता है? विधायक करता है। और वहां का डिप्टी कलेक्टर, वहां का तहसीलदार उसके सामने वही पर रहते है। वो अपना शासकीय काम करते हैं। उसके ऊपर आरोप लगाना। एक डिप्टी कलेक्टर सीईओ बना, उसके ऊपर कैसा गाली-गलौज हुआ सबको मालूम है। रोज यही काम चल रहा है, रोज यही चल रहा है। भूपेश बघेल कैसे खुश रहें, उसके लिए लंगूर जो है अपना चेहरा दिखाते रहता है। कुछ न कुछ, इधर उधर नाच करते रहते हैं। तो ऐसे लंगूरों से भूपेश बघेल को यही आगाह करूँगा कि ऐसे लंगूरों से सावधान रहें। प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं। तो इसलिए इन लंगूरों को पहचानें। ऐसे बंदरों से काम नहीं चलता। बंदर जो है, कभी भी बन्दर का डांस कर रहे हैं, सब जगह जाकर।”
• रामविचार नेताम, राज्यसभा सांसद