अम्बिकापुर. छत्तीसगढ़ के सरगुजा लोकसभा क्षेत्र के पूर्व लोकसभा सदस्य व वरिष्ठ अधिवक्ता चक्रधारी सिंह का निधन हो गया है. काफ़ी दिनों ने उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था. उनका इलाज़ अम्बिकापुर के होलीक्रॉस अस्पताल में चल रहा था. मंगलवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. वे मिलनसार और सरल, सहज स्वभाव के कंवर राजपरिवार के सदस्य थे. चक्रधारी सिंह का जन्म 1936 में हुआ था. वर्ष 1980 से 1984 तक सरगुजा लोकसभा क्षेत्र के संसद सदस्य थे.
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
पूर्व सांसद चक्रधारी सिंह के निधन की खबर मिलते ही स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री कार्यालय में चर्चा कर पूर्व संसद सदस्य श्री सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने के लिए कहा. कलेक्टर को यह आदेश पहुंच चुका है. उनका अंतिम संस्कार अम्बिकापुर से 18 किलोमीटर दूर उनके गृहग्राम बरगंवा में होगा. कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ता काफी संख्या में उनके निवास पहुंच चुके है.
स्वास्थ्य मंत्री ने जताया शोक
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा है कि अपनी सादगी और व्यवहार के कारण वे काफी लोकप्रिय थे. पेशे से अधिवक्ता होने के कारण सीधे लोगों ने उनका जुड़ाव था. सरगुजा के लिए अपूरणीय क्षति है. सरगुजा कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने भी चक्रधारी सिंह के निधन पर शोक जताया है और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई देने की तैयारी कर रहे है.
ऐसा था राजनैतिक सफर
चक्रधारी सिंह अविभाजित मध्यप्रदेश के समय विद्याचरण शुक्ल के कट्टर समर्थक माने जाते थे. यही कारण है कि उन्हें वर्ष 1980 में सरगुजा लोकसभा क्षेत्र का प्रत्याशी बनाया गया और उन्हें जीत मिली. इसके अलावा उन्हें मध्यप्रदेश में कई संगठनात्मक पदों पर भी रखा गया. वर्ष 1998 से 2000 तक वे मध्यप्रदेश चुनाव प्राधिकरण के सदस्य रहे. छत्तीसगढ़ बनने के बाद वर्ष 2000 से 2003 तक प्रदेश उपाध्यक्ष, वर्ष 2003 से 2006 तक प्रदेश महामंत्री का दायित्व निभाया.