Godhan Nyay Yojana: गोठान में गोबर बेच कर ग्रामीण, पशुपालक और किसान अपनी जरूरतें पूरा करने साथ आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं। ऐसे ही नमनाकला पावर हाउस निवासी एक पशुपालक ने गोबर बेचकर पल्सर मोटर साइकिल ख़रीदा हैं।
अंबिकापुर शहरी गौठान घुटरापारा में गोबर बेचने वाले गोपालक अवधलाल यादव ने बताया कि गायों का दूध तो आसानी से बिक जाता हैं। लेकिन गाँव में गोबर कोई नहीं ख़रीदता था। ऐसे में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना में गोबर की ख़रीदी शुरू हुई तो चेहरे पर चमक आ गई। क्योंकि उसकी क़ीमत 2 रुपया प्रति किलो मिलेगी ऐसा कभी नहीं सोचा था। ऐसे में तत्काल योजना में पंजीयन कराया और गोठान में गोबर बेचना शुरू कर दिया। गोबर बेचकर मुझे प्रतिमाह लगभग 44 सौ रुपया की आमदनी हो रही हैं। अब तक मैंने लगभग डेढ़ लाख रुपया से अधिक मूल्य का गोबर बेचा हैं। इससे पल्सर मोटरसाइकिल ख़रीदी और गाय भैंस भी ख़रीदा हैं। इस आमदनी से अपने परिवार का पालन पोषण अच्छे से कर रहा हूँ। गोबर बेचने से हर 15 दिन में मुझे गोबर का पैसा मेरे खाते में प्राप्त हो जाता हैं।
कलेक्टर कुंदन कुमार के निर्देशन और जिला सीईओ विश्वदीप के मार्गदर्शन मैं गोधन ने योजना का सुचारु रूप से संचालन किया जा रहा हैं।गोठान से जुड़कर ग्रामीणों, पशुपालकों, महिला स्व सहायता समूह को सतत रूप से आमदनी प्राप्त हो रही हैं।
गौरतलब हैं कि, राज्य में पशुधन संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई। शासन की जनकल्याणकारी योजना से ग्रामीण और शहरी इलाकों में पशुपालकों को आमदनी का अतिरिक्त जरिया मिला हैं। इस योजना के तहत शासन राज्य के गौठानों में 2 रूपये प्रति किलो की दर से गोबर क्रय कर रही हैं। जिससे राज्य में एक नई क्रांति की शुरुआत हुई हैं। कभी गोबर का कोई मोल नहीं था। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने गोबर का दाम देकर गौपालकों के आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव किया हैं।