अम्बिकापुर। खिलाडियों के लिए उनका ग्राउंड किसी मंदिर के सामान होता है। रोज ग्राउंड में जाने से पहले ग्राउंड का चरण वंदन करना और उसका सम्मान करना, खिलाड़ियों की परंपरा रही है। इन सबसे हटके अम्बिकापुर के स्टेडियम ग्राउंड में एक परंपरा कई बरस से जिंदा है। यहां के बास्केटबॉल ग्राउंड के खिलाड़ी पिछले दो दशक से कुछ ऐसा कर रहे हैं, जो दूसरे खिलाड़ियों के लिए भी नजीर बन सकता है। दरअसल, बास्केटबॉल के खिलाड़ी इस परंपरा का निर्वहन धनतेरस के दूसरे दिन और दीपावली के एक दिन पहले, नरक चौदस के दिन किया जाता है।
विगत 20 वर्षों से सरगुजा जिले के बास्केटबाॅल ग्राउंड गांधी स्टेडियम पर खिलाड़ियों के द्वारा धनतेरस के अगले दिन और दीपावली के पहले ग्राउंड को खिलाड़ियों के द्वारा सम्पूर्ण सफाई किया जाता है। साथ ही ग्राउंड पर रंगोली के द्वारा सजाया जाता है। खिलाड़ियों द्वारा तैयार रंगोली में खेल गतिविधियों और बास्केटबॉल खेल से जुड़ी एक्टिविटी की बेहतरीन झलक दिखाई देती है। दीपावली के एक दिन पूर्व व दीपावली के दिन को शाम को ग्राउंड में पूजा अर्चना के साथ दीप प्रज्वलित कर सभी खिलाड़ी दीपोत्सव मनाते हैं। जिसमें सभी खिलाड़ी मिलकर बास्केटबाल ग्राउंड के मार्किंग पर दीप जलाकर सजाते हैं, मार्किंग दीपों से जगमगा जाते हैं, जो काफी मनमोहक और आकर्षक दिखाई देते है।
राष्ट्रीय कोच राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि दीपोत्सव का आयोजन 20 वर्षो से चल रहा है। ऐसे आयोजनों से खिलाड़ी खेल के साथ आपसी भाई-चारा और एकता के साथ सभी आयोजन किया जाता है। जिससे खिलाड़ियों में एक-दूसरे का सम्मान व सहयोग की भावना बनी रहती है। किसी भी त्यौहार के मौके पर हम प्रयास करते हैं कि खिलाड़ी मिल-जुलकर ऐसे कार्यक्रम में हिस्सा लेते रहें। जिससे खेल भावना के साथ सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं का मेल जोल होता रहे।
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