अम्बिकापुर 1 जून 2014
- 21 दिवसीय ग्रीष्मकालीन खेल शिविर संपन्न
- 9 खेलों में 839 बच्चे शामिल हुए
- महापौर, कलेक्टर व एसपी ने किया पुरस्कार वितरण
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित ग्रीष्कालीन खेल प्रशिक्षण शिविर का आज जिला बैडमिंटन हाल में समापन किया गया। 10 मई से 31 मई तक आयोजित इस शिविर में 9 खेलों के 839 बच्चे प्रशिक्षण लेने शामिल हुए। आज समापन समारोह महापौर श्री प्रबोध मिंज के मुख्य आतिथ्य एवं कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन के अध्यक्षता व पुलिस अधीक्षक श्री सुन्दरराज पी. की विशिष्ट आतिथ्य में संपन्न हुआ। समापन समारोह में विजेता बालक-बालिकाओं को पुरस्कार वितरित कर प्रमाण पत्र दिया गया। इस अवसर पर बच्चों के अभिभावकगण, खेल संघों के पदाधिकारी, खेल प्रेमी एवं नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री प्रबोध मिंज ने बच्चों का पुरस्कृत करते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ शारीरिक दक्षता और क्षमता के विकास के लिए खेल महत्वपूर्ण है। खेल के माध्यम से जीवन में आगे बढ़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि सरगुजा से लाॅन टेनिस, टेबल टेनिस एवं बैडमिंटन जैसे खेलों में जिले से राष्ट्रीय खिलाड़ी बनकर उभरे है। इस क्षेत्र में खेल प्रतिभाओं की अपार संभावनाएं है जिसे प्रशिक्षण के माध्यम से आगे बढ़ाया जा सकता है। श्री मिंज ने प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए सभी बच्चों को बधाई देते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी है।
कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन ने शिविर में भाग लेने वाले सभी बच्चों और उनके अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि जिले में आयोजित ग्रीष्कालीन शिविर में जिस उत्साह के साथ बच्चों ने भाग लिया और उनके अभिभावकों ने प्रोत्साहित किया यह शिविर के लिए सकारात्मक संदेश है। इससे निश्चित ही बच्चों में दबी खेल प्रतिभा को नया आयाम मिलेगा और बच्चे भविष्य में देश का नाम रौशन करेंगे। उन्होंने खेल के महत्व को बताते हुए कहा कि जीवन में पढ़ाई के साथ अपने पंसदीदा खेलों को भी स्थान दें और नित अभ्यास से एक अच्छे खिलाड़ी बनकर उभरे। उन्होंने बच्चों को अपने उत्साह को हमेशा कायम रखने और खेल के प्रति समर्पित रहने की समझाईश दी। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकालीन खेल शिविर केवल गतिविधि मात्र नहीं है परंतु यह बच्चों के सीखने-सिखाने का एक केन्द्र भी है। इसे भविष्य में और विस्तार दिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक श्री सुन्दरराज ने कहा कि आप जिस खेल में विजयी हुए हैं, उस खेल में आगे तक पहॅुचना है, सतत रूप से प्रयास करते रहने की आवश्यकता होती है और सतत् प्रयास से ही एक राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बना जा सकता है। श्री सुन्दरराज ने कहा कि बच्चांे में खेल प्रतिभा छिपी रहती है, उस खेल प्रतिभा को निखारने के लिए ऐसे शिविरों का आयोजन किया गया है। इस खेल में जिस तरह बच्चों ने भाग लिया वह आने वाले भविष्य के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन हमेशा किये जाएगें।
इस अवसर पर खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरण किया गया। जिसमें बाॅलीबाल, फुटबाल, हैण्डबाल, के विजेता एवं उपविजेता तथा तैराकी, ताइक्वांडो, शतरंज, लान टेनिस के प्रथम, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को इसी तरह बैडमिंटन में बालक-बालिका वर्ग के विजेता-उपविजेता को पुरस्कृत किया गया। घुमन्तु आवासीय विद्यालय के बाॅलीबाल खिलाड़ियों को विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया। संबंधित खेलों के कोच व सहयोगियों को पुरस्कृत कर प्रमाण पत्र वितरित किया गया।
गौरतलब है कि खेल एवं युवा कल्याण विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में 10 मई से 31 मई तक शिविर का आयोजन निःशुल्क किया गया। शिविर प्रातः 5 से 7.30 बजे तथा सायं 5 से 6.30 बजे तक लगाया गया। इस शिविर में 8 से 16 वर्ष की आयु वर्ग के 839 बालक-बालिकाओं ने भाग लिया। शिविर के तहत फुटबाल, व्हालीबाल, बास्केटबाल, बैडमिंटन, शतरंज, ताईक्वांडों का प्रशिक्षण गांधी स्टेडियम में, हैण्डबाल का प्रशिक्षण पीजी काॅलेज ग्राउण्ड में तथा तैराकी का प्रशिक्षण गांधीनगर अम्बिकापुर स्थित तरण ताल में दिया गया।