
अम्बिकापुर। विश्व अंगदान दिवस के अवसर पर अम्बिकापुर की अमनजीत कौर सिद्धू ने एक ऐसा फैसला लिया है, जो न केवल इंसानियत की मिसाल है, बल्कि कई जिंदगियों में नई उम्मीद भी जगाएगा। उन्होंने टीएस सिंहदेव और आदि बाबा से प्रेरित होकर अपने अंगदान करने का संकल्प लिया है।
अमनजीत कौर का कहना है कि जीवन का सबसे बड़ा दान वही है, जो हमारी मृत्यु के बाद भी किसी और की धड़कनों को जारी रख सके। उनका मानना है कि जब शरीर अंततः मिट्टी में मिल जाता है, तब भी हमारे अंग किसी और के जीवन में नई रोशनी बन सकते हैं। चिकित्सकों के अनुसार, एक मृत दाता के हृदय, फेफड़े, गुर्दे, यकृत, अग्न्याशय और आंखें (कॉर्निया) दान किए जा सकते हैं, जिससे आठ लोगों को नया जीवन मिल सकता है।
इस कदम से अमनजीत कौर ने न केवल शहर का नाम रोशन किया है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि इंसान अपने जीवन के बाद भी कई जिंदगियों में सांसें भर सकता है।