रायपुर। शासकीय कार्य नियमो के तहत संचालित होते है। इन कार्यो में किसी तरह का व्यवधान बर्दाश्त नही किया जा सकता। ऐसा ही एक मामला आज राज्य महिला आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इस प्रकरण में जनप्रतिनिधि द्वारा जिला स्तरीय अधिकारी को दूरभाष पर कार्य करने हेतु अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा था। काम नही किये जाने पर तबादला करवा देने की भी बात संबंधित जनप्रतिनिधि द्वारा दिया जाता था। इस पर गंभीर नाराजगी व्यक्त करते हुए अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने जनप्रतिनिधि को संबंधित अधिकारी के शासकीय कार्य मे दखल नही देने की समझाइश दी। संबंधित जनप्रतिनिधि ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए महिला अधिकारी से क्षमा मांगते हुए भविष्य में इस प्रकार की गलती नही दोहराने की बात कही।
इसी तरह एक अन्य प्रकरण में पुलिस विभाग में कार्यरत अधिकारी द्वारा महिला से शादीशुदा जिंदगी विगत कई वर्षों से बिताने के बाद भी अन्य महिला से शादी करने को गंभीर माना। प्रकरण में महिला को अगली सुनवाई में शादी से संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत करने कहा।
एक प्रकरण में अमेरिका में रहने वाले व्यक्ति द्वारा अपने पत्नि पर विभिन्न तरह से मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना की जाती थी। अमेरिका में पत्नी से अत्याचार कर उन्हें असहाय स्थिति में छोड़ दिया था और अभी तक उसका पति अमेरिका में ही कार्यरत है। पत्नि ने आयोग के समक्ष न्याय के लिए आवेदन किया। आज इस प्रकरण की सुनवाई में पति और उसके परिजन अनुपस्थित रहे। इस पर आयोग के अध्यक्ष डॉ नायक ने पत्नि को पति से संबंधित वीजा, पासपोर्ट तथा अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने कहा ताकि यू. एस. दूतावास को पति का वीजा निरस्त करने पत्र प्रेषित किया जा सकें।
आज प्रस्तुत एक अन्य प्रकरण में महिला प्रधान पाठिका को परेशान करने वाले अधीनस्थ शिक्षक के प्रकरण में जिला शिक्षा अधिकारी और विकास खंड शिक्षा अधिकारी को पिछली सुनवाई में महिला आयोग के समक्ष उपस्थित होने कहा गया था। आज की सुनवाई में बीईओ उपस्थित हुए तथा अध्यक्ष के निर्देशानुसार संबंधित शिक्षक को स्कूल से अन्यत्र किसी अन्य स्कूल में संलग्न करने एक माह का समय मांगा। अधीनस्थ शिक्षक ने प्रधानपाठिका से की गई गलतियों के लिए क्षमा भी मांगा तथा भविष्य में पुनः गलती नही करने की बात कही। एक करोड़ रूपये विधवा महिला से लूटने वाले व्यक्ति द्वारा बार-बार आयोग के समक्ष उपस्थिति से बचने के लिए झूठा आवेदन दिया जाना भारी पड़ा।
आयोग के अध्यक्ष ने इस तरह आयोग के कार्रवाई को नजरअंदाज करने को गंभीर माना तथा अगली सुनवाई में पुलिस के माध्यम से आयोग के समक्ष उपस्थित करने कहा।
एक अन्य प्रकरण में अपने अधीनस्थ महिला चिकित्सा अधिकारी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने पर आयोग के अध्यक्ष ने जांच समिति गठन करने की बात कही। चिकित्सकीय कार्य और उससे संबंधित प्रताड़ना के कारण इस समिति में डॉ संदीप दवे, डॉ राकेश गुप्ता वरिष्ठ चिकित्सकों को शामिल किया गया हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने आज विभिन्न जिलों की महिलाओं द्वारा दिए गए आवेदनों की आयोग कक्ष में जन सुनवाई की। आज प्रस्तुत प्रकरण में शारीरिक शोषण, मानसिक प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, सम्पत्ति विवाद आदि से संबंधित थे। सुनवाई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग व फिजीकल डिस्टेंसिंग एवं सैनिटाईजर का प्रयोग करते हुए कार्यवाही प्रारंभ की गई।