विद्युुतीकरण के बाद नहीं मिली मजदूरी

जशपुरनगर

जशपुरनगर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों को रोशन करने के लिए राजीव गांधी ग्राम विद्युतीकरण योजना के तहत चल रहा विद्युतीकरण के काम में खंभा खींचने का काम करने वालों को साल भर बाद भी मजदूरी नहीं मिली है। मंगलवार को जनदर्शन में ग्रामीणों ने ठेकेदार द्वारा एक साल से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी उन्हें मजदूरी ना दिए जाने की शिकायत की। इससे पहले भी ठेकेदारों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण के नाम पर अवैध वसूली जैसे कई शिकायते आ चुकी है। जिले के बगीचा तहसील के सन्ना के समीपस्थ ग्राम भंवर खनिहारटोली में विद्युतीकरण के काम में 25 ग्रामीणों ने मजदूरी किया था। शिकायत करने आए आदित्य, रामधनी, हिम्मत, टिकेश्वर ने बताया कि उन्होनें खंभा ढोने और खंभे का जमीन में गाड़ने के साथ खंभे में तार खींचने का काम किया था। इस काम के लिए पटकोना निवासी जगेश्वर राम, रवि राम और चोंगा राम ने उनसे 200 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी देने की बात कही थी। विद्युतीकरण का काम खत्म होने पर जब ग्रामीणों ने उक्त तीनों लोगों से मजदूरी की मांग करने पर ग्रामीणों को जल्द भुगतान करने का आश्वासन देकर टालमटोल करते रहे। ग्रामीणों ने बताया कि मजदूरी के लिए वे इन लोगों के घर का चक्कर काट-काटकर थक चुके है। कलेक्टर को सौपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि एक-एक ग्रामीण की 5 से 6 हजार रुपए तक की मजदूरी ठेकेदार के पास लंबित पड़ी है। उन्होनें ठेकेदारों से मजदूरी का भुगतान कराने का आग्रह किया है। जिले में केंद्र सरकार द्वारा संचालित राजीव गांधी ग्राम विद्युतीकरण योजना के तहत विद्युतीकरण काम काम तेजी से चल रहा है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा जिले को विशेष पैकेज दिया गया है। ठेकेदारों के भरोसे चल रहे विद्युतीकरण के इस काम में लगातार गड़बड़ी की शिकायतें आ रही है। इससे पहले भी जिले में विद्युतीकरण के नाम पर ठेकेदारों द्वारा ग्रामीणों से अवैध वसूली की शिकायत दर्जनों बार आ चुकी है। इसके साथ खंभे को खड़े करने के बाद बिना तार खींचे ही गांव को विद्युतीकृत घोषित कर अंधेरे में डूबे गांवों के ग्रामीणों को बिल थमाने को लेकर कई बार विवाद की स्थिति बन चुकी है। इन सबके बावजूद विभाग के अधिकारी गड़बड़ियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने में पूरी तरह से विफल रहे हैं। मामले में संबंधित ठेकेदार ने सरपंच को पूरा भुगतान करने की जानकारी विभाग को दी है। श्रम विभाग के निरीक्षक को मामले में संबंधित सरपंच और ठेकेदार से संपर्क करने को कहा गया है। निरीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।