
सीतापुर/अनिल उपाध्याय। शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत प्रशासन ने दूसरे चरण की कार्यवाही शुरू कर दी है।रविवार को शुरू किए गए अभियान के तहत प्रशासन ने दूसरे दिन भी नगर में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हटाओ चलाया।इस दौरान प्रशासन की कार्यवाही से बचने गुमटी व्यवसायी खुद अपना कब्जा हटाते नजर आए।
विदित हो कि शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के विरुद्ध प्रशासन एवं नगर पंचायत द्वारा संयुक्त रूप से अभियान शुरू किया गया है।शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत नगर पंचायत द्वारा पूर्व में गुमटी व्यवसायियों को नोटिस जारी कर समय सीमा में कब्जा हटाने के निर्देश दिए गए थे।व्यवस्थापन के अभाव में शासकीय भूमि पर दुकान लगाकर अपना और परिवार का जीविकोपार्जन करने वाले गुमटी व्यवसायी कब्जा हटाना नही चाहते थे।गुमटी व्यवसायियों के पास जीविकोपार्जन का दूसरा कोई साधन नही होने की वजह से ये मजबूरी में वही डटे हुए थे।
हालांकि नया बसस्टैंड एवं शहीद भगत सिंह चौक के पास एक्का दुक्का गुमटी व्यवसायियों द्वारा की गई अतिक्रमण की वजह से हमेशा वहाँ दुर्घटना की संभावना बनी रहती थी।नगर पंचायत द्वारा बार बार नोटिस जारी करने के बाद भी जब शासकीय भूमि से अतिक्रमण नही हटा।तब प्रशासन एवं नगर पंचायत ने मिलकर संयुक्त रूप से अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध अभियान छेड़ दिया।इस अभियान के प्रथम चरण में नया बसस्टैंड के पास शासकीय भूमि एवं नाली के ऊपर मौजूद गुमटियों को हटाया गया।

बस स्टैंड के आसपास कार्यवाही के बाद नगर पंचायत ने शहीद भगत सिंह चौक के आसपास मौजूद गुमटी व्यवसायियों को नोटिस जारी कर समय सीमा में गुमटी हटाने के निर्देश दिए थे।नोटिस के बाद भी जब शहीद भगत सिंह चौक एवं उसके आसपास से अतिक्रमण नही हटा। तब प्रशासन एवं नगर पंचायत ने रविवार को अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत कार्यवाही शुरू की।इस अभियान के दूसरे चरण में रविवार को हॉस्पिटल के सामने मौजूद सारी गुमटियों को हटाया गया।दूसरे दिन सोमवार को शहीद भगत सिंह चौक के पास मौजूद गुमटियों को हटाया गया।अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान कब्जाधारी खुद मौके पर से अपनी गुमटी हटाते नजर आए।इसके अलावा नगर के दुकानदारों को भी अपने दुकान के बाहर निर्मित छज्जा हटाने के निर्देश दिए गए है।
अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत कई बार माहौल गरमाया, अधिकारी एवं गुमटी व्यवसायियों के बीच हुई तीखी नोकझोंक:-
अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत गुमटी व्यवसायियों के विरुद्ध कार्यवाही के दौरान माहौल काफी गरमा गया था।इस दौरान अभियान का नेतृत्व कर रहे नायब तहसीलदार तुषार माणिक एवं गुमटी व्यवसायियों के बीच कई बार तीखी नोकझोंक भी हुई।बगैर व्यवस्थापन के गुमटी हटाने का गुमटी व्यवसायी जमकर विरोध कर रहे थे।जिसकी वजह से अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान मौके पर काफी गहमागहमी की स्थिति बनी हुई थी।
व्यवस्थापन के अभाव में छलका गुमटी व्यवसायियों का दर्द,धंधा चौपट होने पर दर दर की ठोकर खाने को मजबूर:-
बिना व्यवस्थापन के गुमटी हटाये जाने का दर्द गुमटी व्यवसायियों के चेहरे पर साफ झलक रहा था।दशकों से गुमटी व्यवसाय के जरिये अपना एवं परिवार का जीविकोपार्जन करने वाले व्यवसायी काफी आहत थे।उनका कहना था कि दशकों से गुमटी के भरोसे जीते चले आ रहे है।बच्चों की पढ़ाई लिखाई शादी विवाह बीमारी का इलाज आदि सब कुछ इसी गुमटी के भरोसे होता था।जिसे बारिश के दिनों में हमसे छीनकर हमे दर दर की ठोकर खाने को मजबूर कर दिया गया।आज जीविकोपार्जन का कोई दूसरा विकल्प नहीं होने से रोज कमाने खाने वाले के समक्ष भूखों मरने की स्थिति निर्मित हो जायेगी।गुमटी व्यवसायियों का कहना था कि इस विषम परिस्थिति में हमारा साथ देने कोई भी आगे नही आया।न सत्तापक्ष और न ही विपक्ष सभी तमाशबीन बने हमारे उजड़ने का तमाशा देखते रहे।
इस संबंध में एसडीएम नीरज कौशिक ने बताया की उनको तालाब के पास विस्थापन के लिए जगह दी गई है।भविष्य में इन्हें उपयुक्त जगह पर विस्थापित किया जायेगा।