
अम्बिकापुर। सरगुजा जिले के उदयपुर क्षेत्र के घाटबर्रा गांव के किसान इन दिनों तहसील और अडाणी कंपनी के दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं, वो भी अपने हक के मुआवजे के लिए। एक तरफ नौकरी के बदले मुआवजे का वादा, दूसरी तरफ झूठे आश्वासन और टालमटोल से किसान बेहद परेशान हैं।
सोमवार, 14 जुलाई की शाम करीब 4 बजे किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल उदयपुर एसडीएम कार्यालय पहुंचा और सरगुजा कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर जल्द मुआवजा दिलाने की मांग की।
जमीन गई, ना नौकरी मिली ना मुआवजा
ज्ञापन में बताया गया कि घाटबर्रा गांव के किसानों की भूमि अडाणी कोल माइंस प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की गई थी। जमीन अधिग्रहण के दौरान यह शर्त रखी गई थी कि किसानों को नौकरी के बदले मुआवजा दिया जाएगा। लेकिन अब न नौकरी मिली, न मुआवजा। उल्टा किसान अलग-अलग कार्यालयों के बीच फुटबॉल बने घूम रहे हैं।
अधिकारियों और कंपनी के बीच फंसे किसान
किसान अनिल यादव ने बताया कि पिछले एक महीने से अदानी कंपनी और प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टाल रहे हैं। जब कंपनी से बात करते हैं तो तहसील भेजा जाता है और तहसील में पहुंचने पर फिर कंपनी के पास लौटा दिया जाता है।
किसान बोले- अब सब्र का बांध टूट रहा है
किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
इन किसानों ने सौंपा ज्ञापन
इस मौके पर आरकेस यादव, अनिल यादव, रवि यादव, राकेश यादव, सुखदेव यादव, दुर्गा प्रसाद, राजेश यादव सहित कई ग्रामीण उपस्थित रहे।