
अम्बिकापुर। छत्तीसगढ़ के श्रमिक आंदोलन की मजबूत ध्वजवाहक ट्रेड यूनियन कौंसिल इस वर्ष भी श्रमिक दिवस पर अपने वार्षिक सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है। 48 वर्षों से श्रमिक, कृषक और कर्मचारियों के हक की लड़ाई लड़ रहा यह संगठन इस बार मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ में 1 मई 2025 को अपना सम्मेलन आयोजित करेगा।
1981 में वरिष्ठ अधिवक्ता जे.पी. श्रीवास्तव और उनके साथियों द्वारा स्थापित इस संगठन ने चार दशकों से अधिक का संघर्षमय सफर तय किया है। वर्तमान में संगठन के प्रांताध्यक्ष जे.पी. श्रीवास्तव ने बताया कि संगठन मजदूरों, किसानों और कर्मचारियों के हकों की आवाज बुलंद करने के साथ-साथ समय-समय पर विचारों के नवीनीकरण के लिए सम्मेलन आयोजित करता रहा है।
संगठन की प्रमुख उपलब्धियां –
– नवंबर 2000: छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री को ‘रोटी की पाती’ सौंपकर मस्टर रोल एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग की, जिसके बाद हजारों कर्मचारियों को स्थाई नियुक्ति मिली।
– 2000 में 60 दिन का आंदोलन: सरगुजा को संभाग बनाने, राजस्व मंडल और तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए लगातार धरना, जिससे सरगुजा आज उत्तरी छत्तीसगढ़ का प्रमुख प्रशासनिक केंद्र बन सका।
– रेल विस्तार आंदोलन: विश्रामपुर से अम्बिकापुर तक रेल मार्ग विस्तार के लिए ‘रेल दो या जेल दो’ नारे के साथ 21 दिन का ऐतिहासिक आंदोलन।
– 2008: पहाड़ी कोरबा जनजाति के 196 परिवारों को वन अधिकार पट्टे दिलवाने में सफलता।
– असंगठित मजदूरों के हक की लड़ाई: 2003 से प्रयासरत, जिससे अनेक सरकारी योजनाएं बनीं।
– मजदूरी विवाद समाधान: ठेकेदारों और मजदूरों के बीच विवादों का निराकरण।
– कानूनी और स्वास्थ्य शिविर: श्रमिक, किसान, महिला और कर्मचारियों के लिए समय-समय पर आयोजन।
– नशामुक्ति अभियान: ग्रामीण इलाकों में जागरूकता फैलाने के लिए निरंतर अभियान।
– आंगनबाड़ी, मितानिन और पंचायत कर्मचारियों का समर्थन: इनके आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी।
– स्व-सहायता समूहों को रोजगार से जोड़ने का अभियान।
मनेन्द्रगढ़ सम्मेलन की खास बातें –
– सम्मेलन का आयोजन सरस्वती शिशु मंदिर, मनेन्द्रगढ़ में किया जाएगा।
– पूरे प्रदेश के 25 से अधिक जिलों से प्रतिनिधि पहुंचेंगे।
– प्रथम सत्र (11:30 AM से 1:00 PM) में श्रमिकों की समस्याओं पर परिचर्चा।
– दूसरा सत्र सभी के लिए खुला रहेगा, जिसमें विभिन्न प्रस्ताव पारित किए जाएंगे।
– सरकार से मई दिवस को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने, संगठित और असंगठित मजदूरों का सरकारी खर्च पर बीमा कराने, आंगनबाड़ी, मितानिन और पंचायत कर्मचारियों के मानदेय बढ़ाने, केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ता लागू करने और आठवें वेतन आयोग को शीघ्र लागू करने की मांगें रखी जाएंगी।
– सम्मेलन के दौरान 11 श्रमिकों को ‘श्रम श्री’ और 1 वरिष्ठ नागरिक को ‘वरिष्ठ नागरिक श्री’ से सम्मानित किया जाएगा।
भविष्य की योजनाएं –
जे.पी. श्रीवास्तव ने घोषणा की कि अगला मई दिवस कार्यक्रम 2026 में बस्तर क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा। संगठन से आज प्रदेशभर के 50 से अधिक संगठनों के हजारों सदस्य प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। श्री श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि मनेन्द्रगढ़ सम्मेलन में वे अपने उत्तराधिकारी का चयन कर संगठन का नेतृत्व सौंपेंगे, हालांकि वे संगठन के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहेंगे और श्रमिकों की आवाज बुलंद करते रहेंगे।