
सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रही सरकार की पुनर्वास नीति और सुरक्षा बलों के प्रभाव से प्रभावित होकर शुक्रवार को कुल 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें एक दंपति सहित 9 महिलाएं और 13 पुरुष शामिल हैं।
नक्सल मुक्त पंचायत अभियान का असर
यह आत्मसमर्पण ‘नक्सल सदस्य मुक्त ग्राम पंचायत’ अभियान और ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के तहत संभव हो सका है। इन योजनाओं का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को हिंसा से मुक्त कर विकास की राह पर लाना है। आत्मसमर्पण करने वालों में कई उच्च रैंकिंग नक्सली शामिल हैं, जिन पर राज्य सरकार ने कुल 40 लाख 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
पुलिस और सुरक्षाबलों की रणनीति सफल
इस आत्मसमर्पण में जिला पुलिस बल, डीआरजी सुकमा, आरएफटी कोंटा, और सीआरपीएफ की विभिन्न बटालियनों (02, 74, 131, 217, 219, 223, 226, 227, 241) तथा कोबरा 203 की आसूचना शाखा की भूमिका अहम रही। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में सभी नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय, सुकमा में आत्मसमर्पण किया।
आत्मसमर्पण के पीछे कारण
पुलिस के अनुसार, लगातार सुरक्षा कैंपों की स्थापना, पुलिस की मजबूत उपस्थिति, और नक्सलियों की अंदरूनी कुप्रथाएं – जैसे भेदभाव, अत्याचार और हिंसा—से तंग आकर ये सभी नक्सली समाज की मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं।
आत्मसमर्पण करने वालों को राहत पैकेज
राज्य सरकार की ‘नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति – 2025’ के तहत सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को प्रोत्साहन स्वरूप 50-50 हजार रुपये की राशि, वस्त्र, और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गई हैं।
इन नक्सलियों पर था इनाम:
8 लाख रुपये: मुचाकी जोगा (डिप्टी कमांडर), मुचाकी जोगी (महिला सदस्य)
5 लाख रुपये: किकिड़ देवे (एसीएम), मनोज उर्फ दूधी (प्रेस टीम सदस्य)
2 लाख रुपये: माड़वी भीमा, माड़वी सोमड़ी, संगीता उर्फ हड़मे, माड़वी कोसी, वंजाम सन्नी, माड़वी मंगली, ताती बण्डी
50 हजार रुपये: पुनेम जोगा
(शेष 10 अन्य पर कोई घोषित इनाम नहीं था पर वे सक्रिय नक्सली संगठन से जुड़े थे)
क्या कहते हैं अधिकारी?
पुलिस उप महानिरीक्षक (ऑपरेशन) आनंद सिंह राजपुरोहित ने कहा, “यह आत्मसमर्पण हमारी नीति की सफलता और माओवाद के खिलाफ जनसमर्थन का प्रतीक है। हम चाहते हैं कि और लोग भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ें और विकास में भागीदार बनें।”
सरकार की बड़ी योजना
शासन द्वारा नक्सल सदस्य मुक्त घोषित पंचायतों को 1 करोड़ रुपये तक की विकास सहायता दी जाएगी, जिससे क्षेत्रीय लोगों को सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं मिल सकेंगी।