रायपुर. प्रदेश में वन विभाग द्वारा विभिन्न मद के अंतर्गत आगामी वर्षा ऋतु में 6 करोड़ 99 लाख पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है. वृक्षारोपण कार्यक्रम के सही ढंग से संचालन के लिए वन मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा विगत दिवस राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में वन विभाग के अधिकाारियों की बैठक ली. उन्होंने इसमें अधिकारियों को वृक्षारोपण के लिए पौधों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के संबंध में सख्त निर्देश दिए. साथ ही वृक्षारोपण के पूर्व हर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया.
वन मंत्री मो. अकबर ने वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम के सही ढंग से संचालन के लिए मदवार विभागीय, छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) और मनरेगा आदि के तहत अलग-अलग पौधरोपण की व्यवस्था के संबंध में विस्तार से समीक्षा की. साथ ही वन क्षेत्रों में नदी-नालों के संरक्षण, संवर्धन तथा भूमि कटाव को रोकने के लिए नदी तट वृक्षारोपण कार्यक्रम की भी समीक्षा की.
वन मंत्री मो. अकबर ने इनमें वन्य प्राणियों के रहवास सुधार की दृष्टि से नियमानुसार 10 प्रतिशत आम, जामुन, नीम, करंज, आंवला तथा ईमली आदि फलदार प्रजाति के पौधों का रोपण सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए. उन्होंने बैठक के दौरान ही रायगढ़, गरियाबंद तथा कोरिया के वनमण्डलाधिकारियों को दूरभाष से औचक फोन लगाकर वहां के नर्सरी में वृक्षारोपण के लिए पौधों के वास्तविक आंकलन तथा उपब्लधता के संबंध में जानकारी भी ली.
वन मंत्री अकबर ने इनमें संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर नाराजगी व्यक्त की और वन विभाग के उच्चाधिकारियों को राज्य के प्रत्येक वनमण्डल स्थित नर्सरियों में वृक्षारोपण के अनुरूप पौधों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के संबंध में सख्त निर्देश दिए. साथ ही वनमण्डलवार वृक्षारोपण से पूर्व वहां उपलब्ध पौधों का वास्तविक आंकलन कर सही-सही जानकारी उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया.
इस अवसर पर वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, सचिव जयसिंह म्हस्के, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) अतुल कुमार शुक्ल, कैम्पा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व्ही. श्रीनिवास राव, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरूण पाण्डेय तथा अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के. मुरगन सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.