अंबिकापुर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेन्षण ब्यूरो (EOW) की टीम ने जल संसाधन विभाग के द्वारा मनमाने ढंग से चहेते ठेकेदारों को निविदा देने के मामले की शिकायत की जांच पूरी करते हुए आज मंगलवार को विशेष न्यालय अंबिकापुर में चालन पेश किया.. गौरतलब है की इस सम्बन्ध में (EOW) की टीम ने आरोपियों के घर में नोटिस चस्पा कर आज न्यालय में उपस्थित होने की सूचना दी थी लेकिन आज नियत तिथि को दस में से कोई भी आरोपी न्यालय के समक्ष पेश नहीं हुए लिहाजा न्यालय ने सभी के विरुद्ध पांच-पांच सौ रुपये का जमानती वारंट जारी किया है..
इस सम्बन्ध में (EOW) एस पी अरविन्द कुजूर ने स्थानीय सर्किट हाउस में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर बताया की जल संसाधन विभाग में निविदाओं में गड़बड़ियों की शिकायत पर जांच में दोषी पाए जाने और आपस मे ठेकेदारों और अधिकारियों ने एक रिंग बनाकर जिसको चाहा उसको टेंडर दिया था। हमने जांच की, जांच के बाद आज विशेष न्यायालय में 3 अधिकारी और ठेकेदारों पर आरोप के साक्ष्य मिलने के बाद चालन पेश किया लेकिन कोई भी आरोपी न्यायालय में पेश नही हुआ । जिसके बाद कोर्ट ने 500 रुपये का जमानती वारंट जारी किया है।
उन्होंने कहा की हमारी कार्यवाही समाप्त हो गई है। निर्धारित तिथि में अगर आरोपी उपस्थित नही होते है तो न्यायालय पे निर्भर है की वो क्या करेगा। दरअसल जलसंसाधन विभाग में 10 निविदा लगभग 95 करोड़ के मामले में जांच की गई है जिसमें 9 करोड़ की गड़बड़ी सामने आई है । लिहाजा 120 (बी) का मामला है…
बताया गया की इस मामले में सभी लोगो को सहमति बनाकर टेंडर दिए गए। एक सर्कल बनाकर चुने हुए लोगो के बीच टेंडर दिया गया। आरोपियों के वकीलों के द्वारा चालान की कॉपी की मांग को न्यालय ने निरस्त कर दिया । इसके अलावा 173(8) की धारा ठेकेदार अतुल सिंह पर भी लगाईं गई है लेकीन इनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य ना मिलने की वजह से चालान पेश नहीं किया गया टीम अभी और साक्ष्य जुटा रही है । इस मामले में सात ठेकेदार थे लेकिन साक्ष्य यह भी कहते है की यह आठवां व्यक्ति भी था.. इस वजह से अतुल सिंह का चालान पेश नहीं किया गया है.. इस सम्बन्ध में बताया गया की सातों ने अधिकारियो के सहयोग से एक दूसरे को लाभ दिया है। यह बात जांच में सामने आई है..
मामले में आरोपियों ने कोर्ट में पेश ना होकर नोटिस की अवहेलना भी की है.. अरविन्द कुजूर ने कहा की हमने पुख्ता सबूत इकट्ठे किये है और इसी विश्वास के साथ किसी भी मामले में चालान पेश करते है की सजा होगी। गौरतलब है की सरगुजा क्षेत्र में पहली बार इतनी बड़ी कार्यवाही हुई है.. जिसमे 3 बड़े अधिकारी आरोपी है, आरोपियों में एस के पाठक पूर्व चीफ इंजीनियर, पी एन जांगड़े सुप्रिटेंडेंट इनजीनियर, ओपी चंदेल कार्यपालन अभियंता तीनो अधिकारी जल संसाधन विभाग अंबिकापुर.. इसके अलावा ठेकेदार सुनील सिंह, शैलेस कुमार गुप्ता, रामाश्रय सिंह, अरुणेंद्र प्रताप सिंह, नित्यानंद सिंह, उत्तम सिंह सिसोदिया, नुरूलहक के विरुद्ध चालान पेश किया गया है..
शिकायत कर्ता अतुल सिंह को आरोपी बनाना साजिश : ठेकेदार संघ
जैसे ही EOW की प्रेस वार्ता से पत्रकार सर्किट हाउस से बाहर निकले बाहर कुछ लोगो ने प्रेस विज्ञप्ति उपलब्ध कराया जिसमे बताया गया है की इस मामले की शिकायत सरगुजा ठेकेदार संघ के अध्यक्ष अतुल सिंह ने की थी जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई लेकिन इस मामले में उनको भी आरोपी बनाने का प्रयास किया जा रहा है जो एक प्रकार का षड्यंत्र और पूरी तरह अवैधानिक है.. इतना ही नहीं शिकायत करता के रूप में उन्हें शुरक्षा प्रदान करने की मांग करने की बात भी बताई गई है.. वही इस सम्बन्ध में EWO का कहना है की मामले की जांच के दौरान सामने आया है की इन सात लोगो के अलावा भी कोई आठवा व्यक्ति इस षड्यंत्र में शामिल था जिसमे इनका नाम प्रतीत हो रहा है लेकिन पुख्ता सबूत ना होने की वजह से अभी कार्यवाही जाँच में है..