बलरामपुर 18 फरवरी रविवार को सरस्वती शिशु मंदिर डीपाडीह बलरामपुर में सामाजिक समरसता सम्मेलन आयोजित की गई।
डीपडीह बलरामपुर में 15 से 18 फरवरी तक चले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक एवं पूर्णकालिक कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग के समापन सत्र के पश्चात सरस्वती शिशु मंदिर डीपाडीह प्रांगण में सामाजिक समरसता सम्मेलन आयोजित की गई जिसमें इस क्षेत्र से भारी संख्या में सभी समाज एवं जाति वर्ग के प्रमुखों सहित आमजन उपस्थित रहे।
समरसता सम्मेलन कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत कार्यवाह छत्तीसगढ़ चंद्रशेखर वर्मा सहित कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे रामसाय भगत, जिला संघचालक सुभाष जायसवाल एवं जिला संघचालक ऋशेश्वर जी ने दिप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ के प्रदेश कार्यवाह चंद्रशेखर वर्मा ने कहा कि हिंदू समाज में सबको साथ लेकर चलने की जो भावना है उसी से भारत दुनिया में सबसे सबल और विश्व गुरु बनेगा। हिंदू धर्म छुआछूत भेदभाव और संकीर्णता का कोई स्थान नहीं है। हिन्दू केवल धर्म नहीं है जीवन जीने की कला और एक जीवन पद्धति है। समाज में संगत और पंगत से ही सामाजिक समरसता का वातावरण बनता है। सभी जाति के लोग सामूहिक भाव से संगठित होकर कार्य करेंगे तभी सबका कल्याण और विकास होगा। समाज में समृद्ध संस्कृति के अनुरूप नारी सम्मान को भी व्यवहार में अपनाना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रामसाय भगत ने सामाजिक जीवन में मार्गदर्शक रहे गहिरा गुरु के चरित्र और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें समाज सुधार और समरसता का पुरोधा बताया। श्री साय ने समाज में सदभाव व सामंजस्य के लिए ऐसे आयोजन को बहुत महत्वपूर्ण बताया।
कार्यक्रम को स्वागत समिति की सह प्रमुख श्रीमती उद्धेश्वरी पैंकरा ने भी संबोधित किया।
संघ गीत गोपाल पांडेय ने प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का संचालन उमाशंकर एवं आभार प्रदर्शन रघुबीर दास ने किया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से गोपाल यादव,कर्णपाल सिंह, , पवन साय, अभय राम,संजय भारत,गौरांगो सिंह,राजेश तिवारी,राजकुमार चंद्रा सहित बड़ी संख्या में स्वयं सेवक व ग्रामीणजन उपस्थित थे।
उक्ताशय की जानकारी सहदेव भगत सह विभाग कार्यवाह ने दी।