कोरबा..जंगल से होकर गुजरे हाईटेंशन विद्युत तारो की चपेट में आने से हाथियों की मौते होने की खबरे मिलती रही है..लिहाज जिले का वन महकमा इन दिनों विद्युत वितरण विभाग के साथ मिलकर यह प्रयास कर रहा है की..वनांचल क्षेत्रों होकर गुजरे विद्युत तारों को दुरुस्त करने में जुटा है.. ताकि आने वाले दिनों में किसी तरह का खतरा हाथियों के लिए न बन सके..
दरसल कोरबा सहित आसपास के जिलों रायगढ़, सरगुजा, जशपुर की बात करें तो अब यह इलाका हाथियों के लिए अनुकूल साबित हो रहा है यही कारण है कि साल के 12 महीने हाथियों की आमद -रफ्त यहां रहती है ..पर दिलचस्प बात यह कि हाथियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है मगर इनकी बढ़ती संख्या के लिए जंगलों से होकर गुजरने वाला विद्युत तार अब मुसीबत बनता जा रहा है ..अलग-अलग क्षेत्रों में करीब दर्जनभर से ज्यादा हाथियों की मौत इन विद्युत तारों के संपर्क में आने से हो चुकी है ..ऐसे में अब कोरबा वन विभाग और विद्युत वितरण विभाग साझा प्रयास कर इन विद्युत तारों को दुरुस्त करने की कवायद शुरू कर रहा है..
बता दे की दक्षिण कोरबा वन मंडल क्षेत्र यानी कुदमुरा, करतला,पसरखेत बताती इन इलाकों में जंगली हाथियों की संख्या 100 के करीब तक पहुंच जाती है ..और कई बार जंगली क्षेत्रों में विद्युत तारों की ऊंचाई कम होने के कारण हाथीयो के इसके संपर्क में आने से उनकी मौते हो चुकी है..
वही विद्युत वितरण विभाग ने 79 ऐसे डेंजर जोन चिन्हांकित किए हैं.. जहां के विद्युत तारों की ऊंचाई तय मानक से बेहद कम है और यहाँ हाथियो का संपर्क विद्युत तार से हो सकता है ..ऐसे में अब विद्युत वितरण विभाग इन डेंजर जोन के विद्युत तारों को दुरुस्त करने के साथ ही यहां विद्युत तारो के कारण किसी तरह की कैजुअल्टी ना हो इसकी पूरी कवायद में जुट गया है..
-“विद्युत वितरण विभाग (ग्रामीण) के ईई रंजीत कुमार का कहना है की 79 जोन चिन्हांकित किये गए यहाँ तारो को ऊँचा किया जा रहा है ताकि कोई केजुअल्टी न हो.. हाथियों के लिए बड़ा खतरा जंगल से गुजरे विद्युत तार हैं ऐसे में हाथियों को सुरक्षित रखने इस तरह की कवायद बेहद ही कारगर साबित होगी और बिजली के करंट से होने वाली मौतों पर भी विराम लग सकेगा..”