अम्बिकापुर – प्रदेश के राज्यपाल श्री शेखर दत्त के मुख्य आतिथ्य और स्कूल शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल के विशिष्ट आतिथ्य में आज संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर के समीप मेण्ड्राकला ग्राम में सैनिक स्कूल के प्रथम चरण भवन का उद्घाटन और दूसरे चरण के भवन का शिलान्यास कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर हस्तशिल्प बोर्ड के अध्यक्ष श्री अनिल सिंह मेजर, अम्बिकापुर विधायक श्री टी.एस. सिंह देव, महापौर श्री प्रबोध मिंज सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने विधिवत पूजा- अर्चना के उपरांत फीता काटकर 19 करोड़ 51 लाख रूपए की लागत से निर्मित प्रथम चरण के अकादमिक भवन का उद्घाटन एवं 39 करोड़ 10 लाख रूपए की लागत से निर्मित होने वाले दूसरे चरण के भवन का शिलान्यास किया। मुख्य अतिथि की आसंदी से अपने विचार व्यक्त हुए उन्होंने कहा कि यह सैनिक स्कूल शैक्षणिक गतिविधियों, नेतृत्व क्षमता,दक्षता, कार्य कुशलता और अनुशासन सहित जीवन कौशल के सर्वांगीण विकास में देश और समाज के लिए मार्गदर्शक साबित होगा। उन्होंने स्कूल प्रबंधन से आह्वान किया कि बच्चों को शैक्षिक जानकारियों के साथ खेलकूद, वाद-विवाद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ें़, ताकि बच्चे सभी क्षेत्र में कुशलता हासिल कर सकें। श्री दत्त ने कहा कि बच्चों को एकल एवं दलीय खेलों का नियमित अभ्यास कराते हुए निपुण बनाएं। एकल खेलों से व्यक्तित्व विकास सुनिश्चित होता है तथा दलीय खेलों से नेतृत्व की क्षमता का विकास होता है और इन दोनों खेलों में अपने कौशल प्रदर्शन के साथ अनुशासन का विशेष महत्व होता है। उन्होंने बच्चों को सिविल सेवा, आर्मी एवं नैवी की परीक्षाओं की जानकारी देते हुए सफलता के गुर बताने कहा है।
राज्यपाल ने कहा कि इस स्कूल भवन के बनने से नव युग का निर्माण हुआ है और इसमें पढ़ने वाले आने वाले युग के निर्माता होंगे। उन्हांेने कहा कि अधिकारियों की टीम भावना से यह भवन समय से पहले बनकर तैयार हो गया। उन्होंने प्रशासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि मंै इस बात से आश्वस्त से हॅू कि इसी टीम भावना से भवन के अगले चरण के कार्य निर्धारित समय में पूर्ण होंगे। श्री दत्त ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार के बेहतर समन्वय से यह परियोजना निर्धारित समय में पूरा होकर दूसरी परियोजनाओं के लिए एक दृष्टांत होगा। उल्लेखनीय है कि प्रथम चरण के कार्य पूर्णता की समयवधि 20 दिसम्बर2013 निर्धारित थी। उन्होंने इस परियोजना में आने वाली दिक्कतों सहित समस्त गतिविधियों का दस्तावेज तैयार करने कहा है। इसके पूर्व राज्यपाल के आगमन पर स्कूल कैडेटों द्वारा गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया तथा श्री दत्त ने परेड का निरीक्षण किया। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में सैनिक स्कूल का संचालन अम्बिकापुर के समीप विशुनपुर में जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए भवन में किया जा रहा है।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा एवं लोक निर्माण मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश एवं प्रदेश की तरक्की में सैनिकों का भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। अमन-चैन के वातावरण में ही विकास संभव है। उन्होंने कहा कि बच्चों में सैनिक का भाव विकसित होना बेहद जरूरी है। सैनिक भाव का आशय देशभक्ति से है। बच्चों में जब देशप्रेम जागृत होगा तो कोई भी दूसरा मुल्क भारत पर वक्र दृष्टि नहीं डाल पाएगा। उन्होंने कहा कि आम लोगों में सेना के प्रति आदर भाव होना जरूरी है। श्री अग्रवाल ने कहा कि हमारे अंदर देश के लिए जीने की भावना जागृत और बरकरार रहनी चाहिए। देश की तरक्की के लिए सकारात्मक सोच जरूरी है। इस अवसर पर अम्बिकापुर विधायक श्री टी.एस. सिंह देव ने कहा कि भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के द्वारा छत्तीसगढ़ में एकमात्र सैनिक स्कूल की स्थापना अम्बिकापुर में हुई है। यह गौरव का विषय है। उन्होंने प्रशासन की सराहना करते हुए बेहतर निर्माण के लिए सभी को बधाई दी।
इस अवसर पर सैनिक स्कूल के कैडेटों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। सैनिक स्कूल के प्राचार्य कैप्टन जी. रामबाबू द्वारा स्वागत भाषण और प्रतिवेदन का वाचन किया गया। कार्यक्रम में कमिश्नर डाॅ. बी.एस. अनंत, आई.जी. सरगुजा रेंज श्री टी.जे. लांगकुमरे, कलेक्टर श्री आर.प्रसन्ना, पुलिस अधीक्षक श्री सुन्दरराज पी. सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।