साधन संपन्न लोगो को मिल रहा प्रधान मंत्री आवास..गरीब काट रहे दफ्तर के चक्कर

जिनके पास घर,गाड़ी जमीन, उन्हे मिल रहा प्रधान मंत्री आवास,गरीब काट रहे जनपद के चक्कर
लोगों में पनप रहा आक्रोश योजना के क्रियान्वयन पर उठ रहे सवाल, रेवड़ी की तरह दिया गया प्रधान मंत्री आवास
कोरिया
सोनहत से राजन पाण्डेय 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महात्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना को जिले के सोनहत विकासखंड में पलीता लगाया जा रहा है। जिले के सोनहत विकासखंड के अधिकांश पंचायतों में योजना के तहत अपात्रों को लाभ पहुंचाने की शिकायत सामने आ रही है। गरीबों और बेघरों के लिए बनाई गई योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है जिससे ग्रामीणों में आक्रोश का आलम निर्मित होने लगा है।
गरीबी का पैमाना समझ से परे
दरअसल, बेघर गरीब परिवारों को आवास मुहैया कराने के लिए संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना में अपात्रों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।  हितग्राहियों की सूची में ऐसे नाम भी है जिनके पहले से ही कई घर हैं। आलम है कि योजना का लाभ अपात्रों को जमकर दिया जा रहा है और गरीब और बेघर आज भी भटक रहे हैं। योजना में सामाजिक एवं आर्थिक जनगण़ना 2011 सूची के आधार में नाम जोड़े जाते हैं। लेकिन भ्रष्टाचार और कागजों में गड़बडि़यों के चलते पात्र गरीबों के नाम बीपीएल सूची में नहीं जोड़े गए। वहीं कई अपात्र लोगों जिनके पक्के मकान बन चुके हैं, जिनके पास दो पहिया चार पहिया वाहन के अलावा सारी सुख सुविधाएं है उन्हे इस योजना में लाभान्वित किया जा रहा है।
शासन के निर्देशों का पालन नही
सोनहत क्षेत्र में आलम है कि रेवड़ी की तरह प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कर दिये गए है अधिकांश आवासों का कार्य भी शुरू हो चुका है कुछ आवास पूर्ण होने के कगार पर है वहीं कई लोग आज भी जनपद पंचायत के चक्कर लगाने मजबूर हो गए है वहीं जिनके पास पुर्व से पक्का मकान है उनको प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये जाने से शेष बचे लोगों में आक्रोश का आलम निर्मित होने लगा है सोनहत क्षेत्र के लोगों ने कई लोगों पर राजनैतिक पहुच का फयादा उठा कर प्रधान मंत्री आवास योजना का लाभ लिए जाने का आरोप लगाया है। हलाकी राज्य शासन ने निर्देश जारी किया है कि अपात्रों को आवास योजना का लाभ दिये जाने के संबंध में शिकायत प्राप्त होती है तो उसकी बकायदा जांच की जावेगी साथ ही यह भी निर्देश जारी हुआ है की  ऐसे परिवार के व्यक्ति जिनके पास दो पहिया वाहन अथवा चार पहिया वाहन हो मशीनीकृत कृषि के तहत तीन अथवा चार पहिया वाहन हो मछली पकड़ने की नाव 50 हजार से अधिक ऋण सीमा वाले किसान क्रेडिट कार्ड धारक सरकारी सेवक वाले किसी सदस्य के परीवार सरकार में पजीकृत किसी गैर कृषि उद्योग वाले परिवार, परीवार का परिवार का कोई भी सदस्य 10 हजार रूपय से अधिक कमाता हो आयकर एवं व्यवसायिक करदाता के अलावा जिनके पास रेफ्रिजरेटर एवं लैंड लाईन फोन के की सुविधा हो कम से कम एक सिंचाई उपकरण के साथ 2.5 एकड़ सिंचित जमीन दो मौसमी फसल के लिए 5 एकड़ की सिंचित जमीन हो उन्हे प्रधान मंत्री आवास योजना का लाभ नही दिया जाना है साथ ही शिकायत जांच में सही पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही किये जाने के निर्दंश भी जारी किये गए है। बावजूद इसके क्षेत्र में ऐसे कई हितग्राहीयों को आवास स्वीकृत किये गए है जो इन निर्धारित शर्तांे के विपरीत है। उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा उक्त दिशा निर्देश जारी किये जाने का जहां कई वर्गों ने स्वागत किया है वहीं कुछ हितग्राहीयों की धकड़ने बढ़ने लगी है और कुछ लोगों ने राजनैतिक राग़ अलापना भी शुरू कर दिया है।
जनगणना सूची की भी हो जांच
उल्लेखनीय है कि जनगणना सूची 2011 के आधार पर प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति प्रदान उस समय से वर्तमान स्थिती में लगभग 6 वर्ष का समय बीत गया लेकिन प्रशासन द्वारा उसी सूची के आधार पर ही प्रधान मंत्री आवास का कार्य शुरू किया गया इस बीच कई ऐसे लोग जिनके पास पक्के मकान नही थे उनका मकान बन गया कई लोग शासकीय नौकरी में लग गए कई लोगों के पास दो पहिया से चार पहिया वाहन कृषि यंत्र सिंचाई संविधाएं आदी बढ़ गई लेकिन प्रशासन द्वारा गरीबी का पैमाना भी 2011 की सूची को ही माना जा रहा है क्षेत्र के लोगों ने आर्थिक सामाजिक जनगणना सूची की भी जांच कराए जाने की मांग किया है।
अन्य चीजों में खर्च हो रही राशी
विकासखण्ड स्तर पर विभिन्न पंचायतों में गरीब परिवारों के चयन उपरान्त स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास निर्माण खण्ड स्तर पर मनमाने तर्ज पर जारी होने से संचालित योजना का लाभ गरीब हितग्राही की लापरवाही एवं सामाग्री विक्रय करने जुटे विचैलिए तंत्र के दबाव शैली से  हितग्राही नही ले पा रहे है। आलम है कि प्रथम किस्त की राशि निर्माण हेतु मिलने पर कतिपय हितग्राही निजी कार्य में  खर्च करने अमादा हो पूरे योजना को धता बताते नजर आने लगे है।जनपद स्तर से मिली जानकारी के अनुसार खण्ड स्तर पर वर्तमान में विभिन्न पंचायतों के हितग्राहीयों के खाते में निर्माण हेतु प्रथम राशि लगभग 50 हजार उनके खाते में समायोजित किऐ जाने के बाद 63 हितग्राहीयों द्वारा कार्य आरंभ किया जा सका है। हालत है कि मिले राशि का उपयोग अन्य कार्य में हितग्राहीयों द्वारा किऐ जाने से यथ्ेाष्ट लाभ कोसों दूर नजर आने लगा है।
सतत मानीटरींग का अभाव
मुख्यालय स्तर से लेकर अन्य विभिन्न ग्राम पंचायतों में प्रधान मंत्री आवास निर्माण कार्य पूर्णतः मनमाने तर्ज पर जारी होने से हितग्राही निर्माण सामाग्री से लेकर अन्य क्रय आदि में विचैलियों के सक्रियता एवं दबाव से स्तरहीन सामाग्री मनमाने राशि व्यय मजबूर हो गये है। कई पंचायत के हितग्राहीयों ने जानकारी देते हुए बताया कि पंचायत स्तर पर पंचायत पदाधिकारीयों के परिजनों द्वारा ठेके के तर्ज पर हितग्राहीयों के घरों के सामने भवन सामाग्री मनमाने दर पर जबरन देने अमादा होकर राशि वसूली से हितग्राही हतास होने लगे है।
दूसरा किश्त नही मिलने का दबाव
 ग्राम पंचायत स्तर पर हितग्राहीयों को प्रधान मंत्री आवास में प्रथम किश्त जारी होने एवं पंचायत मातहतों से मनमाने दर पर सामाग्री नही लिऐ जाने पर संबंधित तंत्र अगला किश्त पास नही होने का अघोषित दबाव बनाना आरंभ कर दिया है। हालत है कि गरीब ग्रामीण परिवार मातहतों से मिल रहे अधोषित दबाव से न चाहते हुए भी सामाग्री विचैलिऐ तंत्र से लेने मजबूर होने लगे है।
इनका कहना है।
लव प्रताप सिंह, सोनहत
प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ अधिकारीयों द्वारा अपने चहेतों को दिया जा रहा है जिन लोगों के पास पुर्व से पक्का मकान है घर के कई लोग शासकीय नौकरी में है ऐसे लोगों को लाभ दिया जाना उचित नही है। आज भी कई गरीब हितग्राही सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे है । उक्त मामले में उच्च स्तरीय जांच एवं कार्यवाही होनी चाहिए
देवेन्द्र तिवारी, सदस्य जिला पंचायत
सोनहत क्षेत्र से इस तरह की शिकायत मिली है जिला पंचायत में इस मामले को रखा जावेगा और मामले की जांच की मांग भी की जावेगी। शासन के दिशा निर्देश के अनुसार जो पात्र हितग्राही है उन्हे इस योजना का लाभ अवश्य मिलना चाहिए ।