ठंड और ठंड के खुशुनमा मौसम के लिए चर्चित सरगुजा जिले मे इस बार भी ठंड ने अपना जलवा बिखेरना शुरु कर दिया है, दोपहर बाद जंहा 4 बडे ही सूरज ढलने लगता है, वही सूरज ढलते ही दिन भर चलने वाली शर्द हवाए बेतहासा ठंड मे तब्दील हो जाती है। चारो और पहाडियो से घिरे सरगुजिहा लोगो ने वैसे तो अपने आप को इस ठंड के अनुकूल बना लिया है। लेकिन मैनपाठ और जिले के कई ऊंची पहाडियो मे बसी बस्तियां और वंहा रहने वाले लोग ठंड की इस ठिठुरन मे ठिठुर के रह जाते है। और सरगुजा जिले के कई इलाको मे दिनचर्या सुबह 10 से शाम 4 बजे तक महज 6 घंटो तक सिमट के रह जाती है, इसी समय मे कुछ इलाके के लोग अपने दिनचर्या का काम निपटा कर घर के भीतर अलाव के सहारे बचा समय काटने पर मजबूर हो जाते है।
इंसानी जान के साथ मवेशी ,फसल और साग सब्जी पर भी बेतहासा ठंड का विपरीत प्रभाव पडता है। दिसंबर और जनवरी मे सरगुजा जिला मुख्यालय का न्यूनतम तापमान जंहा 5-6 डिग्री पंहुच जाता है, वही मैनपाठ ,सामरी पाठ और चुनचुना पुंदाग जैसे इलाको मे पारा लुढक कर 1 और 0 डिग्री तक पंहुच जाता है। जिससे इन इलाको मे होने वाली आलू और टाउ की फसल कभी कभी चौपट हो जाती है।
जिले के अन्य इलाको जैसा हाल शहर मे भी रहता है, खासकर संभाग मुख्यालय अंबिकापुर चारो ओर पहाडियो से घिरा होने के कारण यंहा ठंड का व्यापक असर होता है। दिन भर शहर की सडको पर लोग गर्म कपडे लादे हुए नज़र आते है। तो ठंड का असर आम जनजीवन पर भी देखा जा सकता है। ठंड के कारण सुबह पहली पाली मे लगने वाली स्कूल मे बच्चो का उपस्थिती भी कम देखी जाती है। जिसको देखते हुए इस बार भी जिला प्रशासन ने सुबह लगने वाली स्कूल के टाईमो मे संशोधन किया है। और सुबह पहली पाली मे 7.30 से लगने वाले स्कूलो का समय परिवर्तित करके इसका समय 8.15 कर दिया गया है।
कलेक्टर के निर्देश
सरगुजा जिले में अधिक ठंड के कारण सुबह की पाली में 7.30 बजे लगने वाले स्कूल अब 8.15 बजे से लगेगें। कलेक्टर श्री आर. प्रसन्ना द्वारा समस्त शासकीय, अशासकीय एवं अनुदान प्राप्त विद्यालयों का संचालन प्रातः 8.15 बजे से करने का निर्देश जारी किया गया हैं। यह व्यवस्था 31 जनवरी 2014 तक के लिए है।