फ़टाफ़ट डेस्क..छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनने पर पूर्ण शराबबंदी की घोषणा की थी.लेकिन अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने बाद सरकार अपने ही किये घोषणा को भूल गई है..और राजधानी से लेकर जांजगीर -चाम्पा तक लोग शराब बंदी को लेकर सड़क पर उतर आये है..वही प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा के शराबबंदी को लेकर दिए गए बयान ने सियासी हलचल पैदा कर दी है..
बता दे कि कुछ दिन पहले ही राजधानी रायपुर के गोकुल नगर स्थित शराब दुकान का विरोध स्कूली छात्र-छात्राओं ने किया था..तब प्रशासन ने गोकुल नगर में स्थित सरकारी शराब दुकान को काठाडीह रोड में शिफ्ट किया था..लेकिन अब यहाँ भी सरकारी शराब दुकान का जमकर विरोध हो रहा है..और लोग मुखर होकर सरकार को कोसने लगे है..
वही कल जांजगीर-चाम्पा जिले के बाराद्वार में भी स्कूली छात्रों के साथ मिलकर जनता कांग्रेस ने शराब दुकान हटाने प्रदेश सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है..और जगह -जगह सरकारी शराब दुकानों के हो रहे विरोध ने अब सियासी रंग ले लिया है.. भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने प्रदेश सरकार पर इस मसले को लेकर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है..जबकि कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है..की प्रदेश की पिछली भाजपा सरकार ने ही स्कूल और देवालयों के पास शराब दुकान खुलवाये है..जिसका लोग विरोध कर रहे है..