रायपुर
- राज्य स्तरीय खुला मंच में बच्चों ने शांत की अपनी जिज्ञासा
- विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को किया पुरस्कृत
आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए कठोर कानून से ज्यादा जरूरी जनजागरूकता है। पर्यावरण संरक्षण एक सामाजिक और नैतिक दायित्व है। हर नागरिक को इसमें भागीदार बनना होगा। बच्चों में भी पर्यावरण के प्रति चेतना जागृत करना जरूरी है, ताकि उनके माध्यम से समाज में पर्यावरण संरक्षण का संदेश पहुंचाया जा सके। श्री मूणत ने कल विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर यहां छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय खुला मंच, परिसंवाद एवं पुरस्कार वितरण समारोह में इस आशय के विचार व्यक्त किए। इस मौके पर श्री मूणत ने इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा आयोजित निबंध, कार्टून, पोस्टर तथा बेस्ट फ्रॉम वेस्ट प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आवास एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव श्री एन. बैजेन्द्र कुमार ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा हम सभी का नैतिक दायित्व है। जब दंतेवाड़ा, बस्तर, अंबिकापुर एवं दूरस्थ अंचल के बच्चे पर्यावरण के लिए संकल्पित हो सकते हैं तो हम क्यों नहीं। इस मौके पर मंडल के सदस्य सचिव श्री देवेन्द्र सिंह ने उद्घाटन भाषण देते हुए पांच दिवसीय कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में हिदायतउल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुखपाल और प्रधान मुख्य वन सरंक्षक रायपुर श्री ए.के. सिंह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा कल पांच जून को स्कूली और महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित राज्य स्तरीय खुला मंच कार्यक्रम में दंतेवाड़ा, जगदलपुर, अंबिकापुर, कोरिया, बसना, सरायपाली, जांजगीर, कवर्धा, दुर्ग आदि स्थानों से आए हुए सैकड़ों विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के प्रबंध संचालक डॉ. ए.ए. बोआज और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालजय के प्रसिद्ध मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए.एस.आर.ए.एस. शास्त्री से छात्र-छात्राओं ने विशेषकर ग्लोबल वार्मिंग और मौसम परिवर्तन सहित पर्यावरण से संबंधित सवाल पूछकर अनेक उपयोगी जानकारियां भी हासिल की।