रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर वीरांगना मार्च का आयोजन
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज यहां तेलीबांधा तालाब (मरीन ड्राइव) पर वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जयंती के अवसर पर ’वीरांगना मार्च’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। वीरांगना मार्च में हजारों की संख्या में स्कूली छात्राएं रानी लक्ष्मीबाई की वेशभूषा में शामिल हुईं। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशीला साहू, विधायक श्रीचंद सुंदरानी, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा , राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पांडेय, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक सहित राज्य महिला आयोग की सदस्य उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री ने वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के योगदान को याद करते हुए कहा कि हमारी बेटियां रानी लक्ष्मीबाई का प्रतीक है। जिनके बारे में हमने सुना है कि बुंदेले हरबोलो के मुख हमने सुनी कहानी है, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी है। डॉ. सिंह ने कहा कि शिक्षा और विद्या का शस्त्र लेकर हमारी बेटियां दुनिया जीतने के लिए निकल पड़ी हैं। आज वही आगे बढ़ता है जो शिक्षित होता है। हमारी बेटियों को आगे बढने से कोई नहीं रोक सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से सात दिन पहले मेरे घर में भी एक नन्हीं परी आई है। राज्य सरकार द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओे के साथ-साथ अनेक योजनाएं चलाई जा रही है, जो बेटियों के सशक्तिकरण के लिए समर्पित है। वीरांगना मार्च में स्कूली छात्राएं रानी लक्ष्मीबाई के वेश में घोड़ों, बग्गियों और ट्रेलर पर सवार होकर निकलीं। वीरांगना मार्च का आयोजन राज्य महिला आयोग द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से किया गया।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पांडे ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि रानी लक्ष्मी बाई ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी। आज हमारी लड़ाई समाज में बेटियों को लेकर व्याप्त कुंठाओं और कुरीतियों से है। आज बेटियों को आगे बढ़ाने की जरूरत है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य महिला आयोग द्वारा बेटियों और महिलाओं के अधिकारों पर केंद्रित हल्बी और गोंडी भाषा में पहली बार प्रकाशित पुस्तकों का विमोचन भी किया।