शांतिपारा में विशाल मेले का हुआ आगाज.. 33 वर्ष से लग रहा है मेला

 

बतौली (निलय त्रिपाठी) सरगुजा का सबसे बड़ा मेला पिछले तैंतीस वर्षों से शांति पारा में आयोजित किया जा रहा है । इस वर्ष भी तीन दिवसीय मेले के आयोजन की भव्य तैयारियां पूर्ण हो गई है । अष्टमी से मेला सहित अन्य आयोजन संपन्न होंगे ।विशालकाय पंडाल में स्थापित दुर्गा जी की प्रतिमा के दर्शन करने रोजाना सैकड़ों की संख्या में भक्त पधार रहे हैं । आयोजन समिति ने अधिक से अधिक संख्या में लोगों से मेला में शिरकत करने अपील की है।

बतौली क्षेत्र के शांति पारा में नवरात्र और दशहरा के मौके पर विशाल मेले का आयोजन हर वर्ष किया जाता है । इस वर्ष भी तीन दिवसीय मेले के आयोजन का आगाज हो गया है। अष्टमी से लेकर दशमी तिथि तक मेले का आयोजन होगा । शांति पारा में पिछले तैतीस वर्षों से मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर दूर दराज से मेरे में शिरकत करने लोग आते हैं । क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला हर वर्ष प्रसिद्धि प्राप्त करता जा रहा है । अंबिकापुर, लुंड्रा, लमगांव , रघुनाथपुर , सेदम, सुआरपारा, काराबेल, सीतापुर, पत्थलगांव तक से मेले में दर्शन करने लोग आते हैं । इस अवसर पर दिल्ली ,पश्चिम बंगाल ,उड़ीसा, उत्तर प्रदेश तक के व्यवसायी मेले में दुकाने लगाते हैं। अपनी तरह का अनूठा मेला शांति पारा में बदस्तूर जारी है । इस वर्ष भी तीस फीट ऊंचे रावण का दहन दशहरा के मौके पर किया जाएगा। पारंपरिक तरीके से वानर सेना के साथ राम लक्ष्मण और सीता की झांकी निकाली जाएगी ।विशालकाय रावण बनाने का जिम्मा स्थानीय आदिवासी समुदाय के लोग संभालते हैं । इस मेले की सबसे विशेष बात यह है कि स्थानीय गांव के सभी युवा छोटी-छोटी दुकान खोलते हैं । व्यवसायिक दृष्टिकोण से उन्हें इस अवसर पर काफी लाभ होता है । तीन दिन तक छत्तीसगढ़ी कार्यक्रम का आयोजन भी सुरु हो गया है। मेला आयोजन के लिए शांतिपूर्ण तरीके से संचालन हेतु बतौली पुलिस के साथ जिला पुलिस की मौजूदगी की गई है ।

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पारंपरिक तौर पर यह मेला लोगों के सद्भाव ,मेल मिलाप और धार्मिक अनुष्ठान के विशेष आयोजन के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका है ।नवरात्र मेला के एक हफ्ते पहले से दूर दराज से अतिथि अपने सगे-संबंधियों के पास आ जाते हैं और मेला में भरपूर आनंद उठाते हैं ।आयोजन समिति ने इस वर्ष भी मेले में अधिक से अधिक संख्या में लोगों के जुटने की उम्मीद की है ।शांति पारा आयोजन समिति में प्रमुख रुप से वीरेंद्र सिंह,रमेश अग्रवाल , अनिरुद्ध सिंह,माखन गुप्ता, प्रवीण अग्रवाल, मनोज गर्ग कामरेड,निशांत अग्रवाल ,अमित गुप्ता , उमेश अग्रवाल ,राजेश अग्रवाल,,अतुल गुप्ता,बाबू कश्यप, पारस शिवानी ,बालमुकुंद यादव की सक्रिय भूमिका उल्लेखनीय है।