शराब बनाया और पिया तो सरकारी योजनाओँ से किया जाएगा वंचित

बनाने और पीने पर कानूनी कार्यवाही कराने का भी निर्णय

प्रतापपुर के ग्राम पंचायत केंवरा का मामला

सूरजपुर 

प्रतापपुर से राजेश गर्ग 

प्रदेश के कई हिस्सों से ग्रामीणों द्वारा शराबबंदी को लेकर मुहीम चलाने की खबरें आती रहती हैं अब प्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत केवरा में भी शराबबंदी को लेकर ग्रामीण लामबंद हो गए हैं। शराब बेचने और पीने पर ग्राम पंचायत में प्रस्ताव पारित कर शासकीय योजनाओं से वंचित करने के साथ कानूनी कार्यवाही कराने का निर्णय लिया गया है। शराबबंदी को लेकर लामबंद हुए ग्रामीणों ने पंचायत के प्रत्येक घर में जाकर इसकी सुचना देने के साथ निगरानी करने गांव में कई लोगों की तैनाती कर दी गयी है।
मिली जानकारी के अनुसार वहाँ शराबबंदी को लेकर कुछ महिलाओं ने सबसे पहल करते हुए जनपद सदस्य कमलेश राजवाड़े,सरपंच सुनीता टोप्पो,शिवपाल टोप्पो से चर्चा की जिसके बाद गाँव के अन्य लोगों से इस सम्बन्ध में चर्चा की गयी तथा शराबबंदी के लिए तैयार महिलाओं और पुरुषों को इकट्ठा कर बैठक की गयी जिसमें पुरे पंचायत में पूर्णतः शराबबंदी का निर्णय लिया गया। जिसके बाद सबने मिलकर शराबबंदी के लिए रणनीति बनाई तथा फैसला लिया कि पंचायत में कोई भी व्यक्ति शराब बनाते,बेचते या पीते हुए पाया गया तो ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर उन्हें समस्त शासकीय योजनाओं से वंचित कर दिया जाएगा,जो लाभ उन्हें मिल रहे हैं उन लाभों को छीन लिया जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि शराबबंदी का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सब मिलकर कानूनी कार्यवाही करायेंगें,पूर्णतः शराबबंदी के लिए कोई भी कदम उठाना पड़े सबने इसके लिए तैयार रहने की बात कही। बैठक के पश्चात सभी ग्रामीण पंचायत के घर घर गए तथा पूर्णतः शराबबंदी का समर्थन करने का आग्रह किया,इस दौरान सबको यह भी बताया कि बात न मानने वाले के खिलाफ क्या कार्यवाही का निर्णय लिया गया है। बैठक तथा पुरे गाँव में घूमने के बाद कुछ लोगों की गोपनीय तैनाती कर दी गयी जो शाराब पीने और बेचने वालों पर निगरानी रखेंगे और सुचना ग्रामीणों को देंगे ताकि उनके विरुद्ध कार्यवाही की जा सके। जनपद सदस्य कमलेश राजवाड़े ने बताया कि पूरी मुहीम में पंचायत की महिलायें बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहीं हैं और उनके पहल से ही शराबबंदी के लिए सब आगे बढे हैं। उन्होंने बताया कि केंवरा पंचायत में नशाखोरी आम बात हो गयी थी जिसकी गिरफ्त में बच्चे तक आने लगे थे। शराब कई घरों को बर्बाद कर रहा था तथा सबके आर्थिक मानसिक और सामाजिक जीवन पर असर पड़ रहा था शराब की वजह से सबसे ज्यादा महिलाओं को ही जूझना पड़ रह था। गाँव की महिलाओं ने पूरी स्थिति को देखते हुए सब कुछ बर्बाद हो जाए उससे पहले ही शराबबंदी को लेकर आगे बढ़ने का निर्णय लिया और सबके पहल से आज शराबबन्दी को लेकर मुहीम चालु हो गयी है जो नियमित रूप से कगलती रहेगी तथा यहां पूर्ण रूप से शराबबंदी के बाद अन्य गावों में भी मुहीम चलाई जायेगी। बरहाल एक ओर जहां प्रदेश सरकार खुद शराब बेचने की तैयारी कर रही है वहीँ आदिवासी अंचल के ग्रामीणों द्वारा शराबबंदी के लिए मुहीम सरकार के निर्णय को जनता के खिलाफ बता रहा है।