चिरमिरी से रवि कुमार
दिनों दिन सड़को पर वाहनों की संख्या के बढ़ने के साथ साथ हादसों का सिलसीला बढ़ता ही चला जा रहा है। इसमें वाहन चालको द्वारा तेज रफ्तर से वाहनों कोे ओवरटेंक करने एंव आगें बढ़ने में दुर्घटनाएं अधिक हो रहीं है।पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि कर मौत की संख्या में भी वृद्धि कर दी है।
इन हादसों में नेषनल हाईवेे 43 तथा शहर के अन्य मुख्य मार्ग शामिल है।इसके बावजूद सम्बंधित विभागाधिकारीयों को आखें नहीं खुल रहीं है।जबकि सड़को पर नाबालिग वाहन चालकों के साथ बिना सुरक्षा कवचों के वाहन चालकों की तादाद बढ़ती ह जा रहीं है।
गौरलब है। कि प्रदेष के अंतिम छोर पर बसे रहने तथा एक राज्य से दुसरे राज्य की सीमा को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के कारण कोरिया जिले में भी सड़क हादसों का ग्राफ दिन व दिन बढ़ता ही जा रहा है। हांलांकि सड़क हादसों के लिए शासन प्रषासन द्वारा हरसम्भव प्रयास किए जा रहे हो लेकिन कोरिया जिले में यह प्रयास सिर्फ कागजों तक सीमित नजर आता दिख रहा है। जबकि यातायात विभाग ने पिछले एक सालों में चालानी कार्रवाही कर 10 लाख से अधिक का राजस्व षासकीय कोष में भरा, वही आरटीओ ने भी पिछले एक वर्ष के दौरान लाखों का राजस्व विभाग के खातें में जमा कराए, बावजूद सड़क पर होने वाले हादसों पर अंकुष नहीं लगा पाए।
वर्ष 2014 में बढ़ा आंकड़ा
सड़क हादसों के बढ़ता विकराल रुप धीरे धीरे वाहन में सवार लोगों को अपनी आगोेष में समेटता जा रहा है। परिणामस्वरुप पिछले एक सालो में 80 से अधिक निर्दोष जानों को सड़कों ने लील लिया है। इनमें वर्ष 2014 में 730 सड़क हादसे हुए थे जिसमें 81 लोगों की मौते हुए थी, इनमें सबसे अधिक 24 लोगों की मौत तेज रफ्तार में वाहनों के आमने सामने की टक्कर के दौरान हुई थी। वहीं गम्भीर चोट 341 तथा 308 साधारण चोट शामिल है।
चार पहिया वाहनों से अधिक घटनाएं
आंकड़ो की मानें तो दिनोंदिन घटनाक्रम का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। एक साल में कुल 24 मौत का आंकड़ा यह बताने के लिए काफी है कि सड़कों पर हादसों में प्रत्येक माह लगभग 5-6 लोग मौत की नींद सुल रहें है।इनमें चार पहिया वाहनों के बीच होने वाली दुर्घटना सबसे अधिक है। जबकि घायलों की तादाद भी 134 के पार है। कुलमिलाकर एक साल के भीतर सैकड़ो लोग लोग सड़क हादसों का षिकार बन रहें हैं।
मार्गो पर संकेतकों का भी पता नहीं
पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण अधिकांष मुख्य मार्ग आडे तिरछे तथा घुमावदार बने हुए है।साथ ही सड़कों किनारें सकंरी निर्देषन बोर्ड भी नहीं लगाई गई है। जिसके कारण तेज गति से आ रहे वाहनों की आमने सामने का टक्कर हो जाता है तथा छोेटी से लापवाही में अधिक जानें चली जाती है। हालांकि इन सब असुविधाओं को लेकर अनेक बार वाहन चालकों द्वारा सकेंतक लगाने को लेकर विभाग आवेदन भी किया गया पर विभाग द्वारा कोई कारवाही नहीं कि गई।
जागरुकता एंव विभाग की लापरवाही
सड़क हादसों को रोकने के लिए यातायात विभाग द्वारा हर साल सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाकर चालकों को केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम के तहत चालने तथा यातायात नियमों के पालन की हिदायत देती है।सड़क नियमों की तकनीकि खमियों व विभागीय अधिकारीयों की उदासीनता है कि सड़क हादसों के लिए अधिकांषतः वाहन चलाने वाले चालक ही जिम्मेदार होते है।जहां वे अप्रषिक्षित चालक होते है। साथ ही आज के समय में वाहन चालकों में नषे की हालत में वाहन ड्राईविंग की लत भी शामिल है।
जिला परिवहन अधिकरी बी0सी0 एक्का
समय समय पर भारी वाहनों के साथ चारपहिया वाहन चालकों के सड़कों के अनुसार वाहन चलाने सम्बंधी हिदायत दी जाती है।यहां तक तेज रफ्तार के साथ ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाही भी की जाती है, लेकिन लोगों में जागरुकता के अभाव में यह हादसे बढ़ रहें है।
बी0एस धु्र्व एस0पी0
हाल के दिनों में सड़क सप्ताह व नुक्कड नाटकों में समझाया गया है। फिर से स्कुलों में विषेष अभियान के माध्यम से छात्रों को जागरुक किया जाएगा। साथ ही जिलेभर के विभिन्न मुख्य चोरहों पर चालानी कारवाई की जाएगी।
पुलिस आंकडो पर डालिए नजर …………..