लोकतंत्र के खिलाफ लड़ने वाले ही..इस बार शरीक होंगे लोकतंत्र के महापर्व में..दिखेगा महिला सशक्तिकरण का नजारा..महिला DSP करेंगी लीड..

फ़टाफ़ट डेस्क..(कृष्णमोहन कुमार)..छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य बस्तर के बीहड़ों में कभी लोकतंत्र के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली महिलाएं भी..इस बार स्वतंत्रता दिवस के परेड में सम्मिलित होंगी..और लोकतंत्र के इस महापर्व का हिस्सा बनेंगी..हालांकि इन सभी महिलाओं का लोकतंत्र के विरुद्ध लड़ाई लड़ने की वजह अलग -अलग रही है..लेकिन अब इनकी जिंदगी का केवल एक ही मकसद है..और वह है नक्सलवाद के खात्मे का..

दरअसल छत्तीसगढ़ के लिए नक्सल समस्या चिंता का विषय बनी रही है..लेकिन इसके विपरीत ही सरकार ने नक्सल पुनर्वास नीति की भी शुरुआत की थी..जिसके बेहतर परिणाम भी मिले है..पहले लोकतंत्र के खिलाफ हथियार उठाने वाले लोग अब लोकतंत्र को बचाने हथियार उठा चुके है..या यूं कहें तो शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसर्पित महिला नक्सलियों की एक प्लाटून बना उन्हें भी नक्सल विरोधी अभियान में शामिल किया गया था.और टीम को डीएसपी दन्तेश्वरी नंद कमांड कर रही है..इन महिलाओं को प्रशिक्षण के बाद दक्षिण बस्तर के बीहड़ जंगलो में उतारा गया है..जिनका नाम दन्तेश्वरी फाईटर रखा गया है..

वही पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अभिषेक पल्लव के मुताबिक इस बार आजादी के महापर्व में दन्तेश्वरी फाईटर की एक प्लाटून बीहड़ जंगलो से निलकर आजादी के जश्न में शरीक होगी..और परेड का हिस्सा बनेंगी..जिसकी तैयारी पूरी हो चुकी है..इसके अलावा सबसे अहम बात यह है कि इस पूरी परेड की कमांड महिला डीएसपी दन्तेश्वरी नंद बतौर कमांडर तथा एएसआई अनिता मेश्राम परेड टूआईसी के तौर पर लिड करेंगी..इन्ही के कमांड पर पूरे 14 दल परेड कर ..राष्ट्रध्वज को सलामी देंगे…और इस तरह महिला सशक्तिकरण की एक झलक दक्षिण बस्तर के जिलामुख्यालय दंतेवाड़ा में देखने को मिलेगा..