लबलरामपुर…रामानुजगंज में पदस्थ नायब तहसीलदार को अंततः अपने तानाशाही रवैये की कीमत चुकानी पड़ी। छत्तीसगढ़ शासन ने उनका स्थानांतरण बलरामपुर जिले से कोरबा जिले में कर दिया है।
गौरतलब है कि नायब तहसीलदार पंचराम सलामे की कार्यशैली हमेशा विवादों में रही। इनके अमर्यादित व्यवहार के कारण ही धान खरीदी केंद्र महाबीरगंज में इन्हें ग्रामीणों ने बंधक बना लिया था, प्रशासन के हस्तक्षेप से इन्हें मुक्त कराया जा सका था।
इसी माह अपने कार्यालय के लिपिक सुखदेव टेकाम के साथ गाली गलौज करने पर लिपिक संघ ने भी कड़ा विरोध किया था। लिपिकों ने तहसील कार्यालय में विरोध प्रदर्शन कर दिया था। जिस पर न केवल इनके द्वारा माफी मांगी गई, बल्कि अपनी कार्यशैली में सुधार करने का वादा भी किया गया था। बावजूद इसके लिपिकों ने इनके स्थानांतरण की माँग शासन प्रशासन से किया था, साथ ही यह चेतावनी भी दिया था, कि यदि इन्हें हटाया नही गया, तो लिपिक आंदोलन करने के लिये बाध्य होंगे।
नव पदस्थ कलेक्टर श्री संजीव झा ने मामले की गंभीरता को देखते हुये प्रशासनिक व्यवस्था के तहत नायब तहसीलदार पंचराम सलामे को रामानुजगंज तहसील से हटाकर कुसमी तहसील में पदस्थ कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि लिपिकों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पंचराम सलामे के द्वारा सार्वजनिक रूप से गाली देना स्वीकार किया था, जिसका वीडियो भी वाइरल हो गया था। छत्तीसगढ़ शासन ने मामले में संज्ञान लेकर उन्हें बलरामपुर जिला से बाहर कोरबा जिले में स्थानांतरित कर दिया है।
शासन के आदेश आने पर जिले के लिपिकों में हर्ष व्याप्त है। संयोगवश एक ही दिन नायब तहसीलदार के हटाये जाने के दो दो आदेश आने पर स्थानीय लोगों में चर्चा का बाजार गर्म है।
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