बूझो तो जाने : सरगुजा में कहा है …एक ही स्टेशन के दो नाम

अम्बिकापुर 

यात्री सुविधा का ढिढौरा पिटने वाले भारतीय रेल प्रबंधन ,, यात्री सुविधा के लिए कितना संवेदनशील है,, इसकी बानगी छत्तीसगढ के आदिवासी बाहुल्य सरगुजा जिले में बडे इतमिनान से देखने को मिलती है,,, सरगुजा संभाग में आने वाला कमलपुर गांव रेल्वे स्टेशन का नाम इण्डियन रेल्वे की वेबसाईट पर एलपीजी बाटलिंग प्लांट दर्ज है,, जिससे यात्रियो को काफी परेशानी होती है ।?????????????????

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक तरफ तो डिजिटल इण्डिया बनाने के साथ वेबसाईट युग लाना चाहते है,, तो दूसरी ओर भारतीय रेल प्रबंधन की वेबसाईट यात्रियो को धोखा दे रही है,, दरअसल मामला अम्बिकापुर और विश्रामपुर के बीच स्थित कमलपुर ग्राम रेल्वे स्टेशन से जुडा है,, जंहा स्टेशन पर हर तरफ स्टेशन का नाम कमलपुर ग्राम लिखा है,, लेकिन रेल्वे की http://www.indianrail.gov.in नामक वेबसाईट के नेशनल इंक्वायरी (http://enquiry.indianrail.gov.in/ntes/)में इस स्टेशन का नाम एलपीजी बाटलिंग प्लांट के नाम से दर्ज है…. जिससे यात्रियो की तरह तरह की परेशानियो का सामना करना पडता है।

??????????????????इस मार्ग मे हमेशा सफर करने वाले यात्री दीपांकर दत्ता ने बताया कि रेल विभाग की आफिसियल वेबसाईट में इस तरह की खामी बडा चिंता का विषय है क्योकि अगर आप अम्बिकापुर अनूपपुर रेल लाईन में यात्रा करने के लिए ट्रेन की रनिंग कंडीशन या किसी अन्य सुविधा के लिए रेलवे की वेबसाईट देखते है तो अम्बिकापुर और विश्रामपुर के बीच कमलपुर की जगह एलपीजी बाललिंग प्लांट नाम का स्टेशन दिखाता है,, जिससे इस रुट मे आने वाले कई रेल यात्रियो को असुविधा होती है,,क्योकि कई बार उत्तरप्रदेश में स्थित कमलपुर रेल्वे स्टेशन की इंक्वायरी देखकर हम दिगभ्रमित हो जाते है।

यात्रियो ने रेल प्रबंधन को सलाह दी है,, कि या तो रेल विभाग वेबसाईट मे दर्ज नाम को स्टेशन में लिखा दे,, या फिर जो स्टेशन के नाम को वेबसाईट में अपलोड करा दे,, जिससे यात्रियो की परेशानी कम हो सके…. लेकिन इस समस्या के साथ जब हम कमलपुर ग्राम या फिर कह ले एलपीजी बाटलिंग प्लांट स्टेशन के उप स्टेशन मास्टर उमेश कुमार के पास पंहुचे,, तो उन्होने इस समस्या के निदान के लिए ?????????????????अपने आप को असक्षम बताया, और विभाग के आला अधिकारियो को इसकी जानकारी देने की बात कही ……

एक ही रुप के दो इंसान या बहरुपिया जैसे वाक्या तो आपने सुना और देखा होगा,, लेकिन एक ही स्टेशन के दो नाम जैसा ये जीवंत मसला समझ से परे है,, बहरहाल देखना है कि हैरान परेशान कर देने वाले इस मसले के सतह पर आने के बाद इंटरनेट के बोटलिंग प्लांट वाले नाम को रेल प्रबंधन सही करता है,, या फिर कमलपुर ग्राम का नाम बदल कर वास्तव में एलपीजी बाटलिंग प्लांट कर देता है……….