छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय समारोह के लिए चयनित छत्तीसगढ़ राज्य की झांकी के त्रि-आयामी मॉडल का अवलोकन किया। यह झांकी राज्य के आदिवासी बहुल बस्तर अंचल में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सन् 1910 में महान क्रांतिकारी गूण्डाधूर के नेतृत्व में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ हुए विद्रोह पर आधारित है। यह झांकी 26 जनवरी को नई दिल्ली में होने वाले गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय परेड के समय देश-विदेश के लाखों लोगों के बीच प्रदर्शित की जाएगी। रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय समिति ने राज्य के जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रस्तुत इस झांकी के प्रस्ताव को अपनी अंतिम स्वीकृति प्रदान कर दी है। छत्तीसगढ़ की यह प्रस्तुति गत चार माह से चल रही गहन चयन प्रक्रिया के बाद थीम, डिजाईन, त्रिआयामी मॉडल और संगीत की कसौटियों पर खरी उतरी। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने झांकी के चयन पर छत्तीसगढ़ की जनता को बधाई दी है। उन्होंने आज झांकी के मॉडल का अवलोकन करते हुए कहा कि यह राज्य के लिए गर्व की बात है। मुख्यमंत्री ने झांकी की विषयवस्तु और शिल्प संयोजन की भी प्रशंसा की। इस मौके पर छत्तीसगढ़ भवन की आवासीय आयुक्त श्रीमती बी.व्ही. उमादेवी और मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. श्री विक्रम सिसोदिया भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय समारोह के लिए नई दिल्ली के राजपथ पर छत्तीसगढ़ की अलग-अलग झांकियों कोे अब तक तीन पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। राज्य के परम्परागत आभूषणों पर आधारित झांकी को वर्ष 2006 में प्रथम पुरस्कार मिला था। कोटमसर की प्राकृतिक गुफाओं पर आधारित झांकी को वर्ष 2010 में तृतीय पुरस्कार व वर्ष 2013 में सामाजिक समरसता पर आधारित राज्य के ऐतिहासिक स्थल सिरपुर पर केन्द्रित झांकी को भी तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।