राज्य में किसान आत्महत्या के आंकड़े चिंताजनक –  कांग्रेस

रायपुर 16 सितंबर 2014
 
प्रदेष की भाजपा सरकार की वायदा खिलाफी और किसान विरोधी नीतियों के कारण राज्य में किसान आत्महत्या कर रहे है। प्रदेष कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कुछ दिनों पहले एनसीआरबी ने जो आंकड़े जारी किये थे उसके अुनसार छत्तीसगढ़ में 7700 से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर लिया है। हाल ही में आपातकालीन चिकित्सा सहायता पहुंचाने वाली संजीवनी एक्सप्रेस की परफार्मेस रिपोर्ट के अनुसार प्रदेष के ग्रामीण इलाको मे लगभग 17000 लोगो ने आत्महत्या की कोषिष की। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र की 78 प्रतिषत आबादी कृषि कार्य पर निर्भर है। अतः संजीवनी के आंकड़ो को ध्यान में रखा जाये तो प्रदेष में पिछले 4 वर्षो में 13500 किसानों ने आत्महत्या की कोषिष किया है। छत्तीसगढ़ में किसानो की इस बदहाली के पीछे भाजपा सरकार की नीतियां है। सरकार की किसान विरोधी नीति के कारण बेरोजगारी, आर्थिक तंगी बढ़ी है। किसानो की जमीनों जबरिया अधिग्रहित कर उद्योगों को दे दिया, किसानों को उन्हीं की जमीनों पर मजदूर बनाने का षड़यंत्र लगातार छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने रचा है। भारतीय जनता पार्टी पिछले तीन चुनावों से चुनावी घोषणा पत्र में किसानों के हित में बड़े-बड़े वायदे करती है धान का समर्थन मूल्य 2100 रू. करने के वायदे किये जाते है। धान पर बोनस दिये जाने की घोषणा की जाती है। किसानो को कृषि पंपो को मुफ्त बिजली देने की बात भाजपा घोषणा पत्र में करती है लेकिन सरकार में आने के बाद न धान का समर्थन मूल्य बढ़ाया गया न ही धान पर बोनस दिया गया। मुफ्त बिजली की बात दूर की किसानों के बिजली के दामों में 80 प्रतिषत तक बढ़ोतरी कर दी गयी। सरकार के संरक्षण में पूरा छत्तीसगढ़ नकली खाद बीज और अमानक कीटनाषकों का बड़ा बाजार बन चुका है। किसान कर्ज लेकर खाद बीज दवायें खरीद कर अपने फसलों में डालते हैं गुणवत्ता विहीन होने के कारण इनका कोई प्रभाव ही नहीं पड़ता फायदा होने के बजाय किसान कर्ज में डूब जाते है। प्रदेष में मनरेगा भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। मजदूरों का महिनों भुगतान नहीं होता। भाजपा सरकार की प्राथमिक में ग्रामीण मजदूरों को काम देना कभी रहा ही नहीं। आंकड़े बताते है कि मनरेगा के राष्ट्रीय दिवस 54 के औसत के बदले छत्तीसगढ़ का औसत 47 का ही है जबकि छत्तीसगढ़ सरकार दावे 150 दिन मजदूरी देने का करती है। छत्तीसगढ़ में किसानों की आत्महत्या की पूरी जवाबदारी प्रदेष की भाजपा सरकार है।