राजनांदगांव जिले के छुरिया विकासखण्ड के सुदूरवर्ती वनांचल के गांव रानामटिया और बावली के ग्रामीणों ने खुले में शौच जाना छोड़ दिया है। खुले में शौच करने से होने वाली बीमारियों तथा इसके दुष्परिणामों को जानने के बाद ग्रामीणों ने न सिर्फ अपनी वर्षाे पुरानी इस आदत से तौबा की बल्कि स्वयं एकजुट होकर अपने-अपने घरों में स्वयं की धनराशि से शौचालय का निर्माण भी कराया है। गांव के अत्यंत गरीब परिवारों के आवास में भी शौचालय का निर्माण जनसहयोग से किया गया है। रानामटिया मंे बीते 20 सितम्बर से तथा बावली में 25 अक्टूबर से खुले में शौच जाने की प्रथा पूरी तरह से रूक गई है। यह संभव हो सका है, ग्रामीणों की जागरूकता एवं उनकी एकजुटता से। इन दोनों गांव के लोग अब अपने-अपने गांव में चार-चार सीटर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण भी चंदे की राशि से करने में जुट गए है, ताकि सार्वजनिक कार्यक्रम एवं विवाह आदि के प्रयोजन के दौरान बाहर से आने वाले लोगों को भी शौचालय की सुविधा उपलब्ध हो सके।
कलेक्टर श्री अशोक अग्रवाल की विशेष मौजूदगी में आज उक्त दोनों गांवों में खुले में शौच जाने से मुक्ति पाने का त्यौहार ग्रामीणों ने गर्व के साथ धूम-धाम से मनाया। कलेक्टर श्री अग्रवाल सहित अन्य अतिथियों के गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने पारंपरिक लोक नृत्य एवं बाजे-गाजे के साथ उनकी अगवानी की। स्कूली बच्चों द्वारा इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रहसन की प्रस्तुति दी गई। कलेक्टर श्री अशोक अग्रवाल, यूनिसेफ की स्टेट चीफ डॉ. प्रतिभा सिंह सहित अन्य लोगों ने दोनों गांवों के ग्रामीणों की इस अभिनव पहल की सराहना की। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि रानामटिया और बावली के लोगों ने पूरे प्रदेश के गांवों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। इसकी जितनी भी सराहना की जाए, कम है। उन्होंने दोनांे गांवों के ग्रामीणों से अपील की कि वे अपने इस अभिनव पहल को निरंतर आगे बढ़ाते रहे और आस-पास के गांवों सहित पूरे जिले को स्वच्छ और निर्मल जिला बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएं। कलेक्टर से रानामटिया के ग्रामीणों ने गांव में सामुदायिक भवन तथा बावली के लोगों ने प्राथमिक शाला भवन का अहाता निर्माण कराये जाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में रानामटिया के नीलकं ठ साहू ने बताया कि बीते 7 सितम्बर को दिल्ली से नालेज लिंक की टीम आई थी। टीम के लोगोें ने खुले में शौच जाने से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार णसे जानकारी दी थी। टीम ने यह भी बताया था कि खुले में किया गया शौच किसी न किसी तरीके से जनमानस तथा पर्यावरण को प्रदूषित करता है। इसकी वजह से सैकड़ों बीमारियां होती है। पीलिया, उल्टी-दस्त, डायरिया खुले में शौच जाने की वजह से होता है। उन्होंने बताया कि इसके बाद मात्र 12 दिनों में ग्रामीणों ने अपने-अपने घरों में स्वयं की राशि से शौचालय का निर्माण कराया और खुले में शौच जाना बंद कर दिया। ग्रामीणों ने सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया कि जो भी व्यक्ति इस नियम को तोड़ेगा, उसे आर्थिक दण्ड देना होगा। रानामटिया को खुले में शौचमुक्त गांव बनाने में गांव के बुजुर्ग श्री मोहन लाल नायक के विशेष योगदान की भी ग्रामीणों ने सराहना की।ग्राम पंचायत मासूलकसा का आश्रित ग्राम बावली भी खुले में शौच जाने से मुक्त हो चुका है। इस मामले में ग्रामीणजनों से मिले सहयोग और इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर कार्यक्रम में आभार व्यक्त करते हुए सरपंच श्रीमती आशा शर्मा बेहद भावुक हो उठी। उन्होंने कलेक्टर श्री अशोक अग्रवाल से कहा कि अपने गांव बावली को शौच मुक्त बनने से उन्हें जो खुशी मिली है, वैसी खुशी उन्हें आज तक नहीं मिली है। दोनों गांवों के ग्रामीणों के प्रयास की एसडीएम एके बाजपेयी, नालेज लिंक के कमलेश्वर, पीएचई के कार्यपालन अभियंता श्री पाण्डे सहित अन्य अधिकारियों ने भी सराहा और इसे निरंतर बनाये रखने की अपील की।