रायपुर 06 अक्टूबर 2014
- क्षमता से अधिक भंडारण गरीबों को सस्ता चांवल में क्यों बहानेबाजी
- रमन सरकार 11 वर्षो भंडारण की व्यवस्था क्यों नही कर पायी : कांग्रेस
- पिछले 11 वर्षो में लाखों टन धान की बर्बादी राष्ट्र द्रोह नहीं है
प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष भूपेष बघेल और कांग्रेस विधायक दल के नेता टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह इस सच को सार्वजनिक स्वीकार करने का साहस दिखायें कि पिछले 10 वर्षो से केन्द्र की कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के सहयोग के दम पर छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी होती थी। अब भाजपा की मोदी सरकार धान खरीदी में सहयोग नहीं कर रही है इसीलिये राज्य सरकार समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में बहानेबाजी कर रही है। अपने दम पर धान खरीदी का झूठा दंभ भर कर किसानो का मत लेने वाले रमन सिंह अब अपने दम पर धान खरीदी करें। धान खरीदी की मात्रा कम किये जाने के संदर्भ सरकार और मुख्यमंत्री द्वारा स्टाक की अधिकता और धान की सुरक्षा की दुहाई दिये जाने पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुये सवाल खड़ा किया है कि विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री को नहीं मालूम था कि स्टाक में धान का भंडारण पर्याप्त है? फिर भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में किसानों से उनके एक-एक दाना धान खरीदी का वायदा क्यों किया था? घोषणा पत्र जारी करने के पहले ही भाजपा की नीयत किसानों को धोखा देने की थी? क्या यह आपराधिक धोखाधड़ी नहीं है? पिछले 11 वर्षो से रमन सिंह सरकार चला रहे हैं, छत्तीसगढ़ में धान खरीदी राज्य बनने के समय से की जा रही है। इन 11 वर्षो में धान के सुरक्षित भंडारण के लिये राज्य सरकार ने कोई उपाय क्यों नहीं किया? सरकार के द्वारा भंडारण के लिये गोदाम क्यों नहीं बनाये गये? आज मुख्यमंत्री जी अनाज के नष्ट होने में राष्ट्र द्रोह की बड़ी-बड़ी बाते कर रहे है, पिछले एक दषक से प्रतिवर्ष लाखो टन धान रख-रखाव और सुरक्षा के अभाव में खराब हो गया। इन लाखों टन धान की बर्बादी के लिये मुख्यमंत्री रमन सिंह अपनी जवाबदारी स्वीकार करेंगे? इन वर्षो में धान की सुरक्षा में हुई लापरवाही और बदइंतजामी करके उन्होने राष्ट्रीय क्षति नहीं किया है? यह भी तो राष्ट्र द्रोह की श्रेणी में आता है। कस्टम मीलिंग नहीं हो पा रही, धान का उठाव नहीं हो पा रहा है तो यह राज्य सरकार की अकर्मण्यता है। यह सरकार का दायित्व है कि वह कस्टम मीलिंग कराये और चांवल का उपयोग करे। सरकार की अक्षमता का खामियाजा किसान क्यों भुगते? मुख्यमंत्री स्वीकार कर रहे है राज्य के पास क्षमता से अधिक धान और चांवल का भंडारण है फिर उनकी सरकार गरीबों को सस्ते दर पर चांवल देने में क्यों आनाकानी कर रही है? क्यों गरीबों का राषन कार्ड निरस्त किया जा रहा है? कांग्रेस मांग करती है कि बहानेबाजी बंद कर किसानों का पूरा धान समर्थन मूल्य पर सरकार खरीदें।