रायपुर
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज सवेरे यहां विधानसभा में संसदीय रिपोर्टिंग पर आधारित पत्रकारों की एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा के अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने की। विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस.सिंहदेव और संसदीय कार्यमंत्री श्री अजय चंद्राकर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि की आसंदी से डॉ. रमन सिंह ने शुभारंभ सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य निर्माण से लेकर अब तक पन्द्रह वर्षों में यहां के पत्रकारों ने विधानसभा की कार्रवाई की बड़ी संतुलित रिपोर्टिंग कर पूरे देश में आदर्श स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों ने अपनी रिपोर्टिंग में उच्च गुणवत्ता के साथ नियम-प्रक्रियाओं का पालन करते हुए सराहनीय कार्य किया है। विधानसभा के बजट सत्र शुरू होने के पहले इस तरह की कार्यशाला के आयोजन को उपयोगी बताते हुए मुख्यमंत्री ने आयोजन के लिए विधानसभा अध्यक्ष को बधाई दी। डॉ. सिंह ने कहा कि विधानसभा की रिपोर्टिंग अन्य रिपोर्टिंग से थोड़ा हटकर होता है। इसकी रिपोर्टिंग में बहुत से नियम और प्रक्रियाओं का पालन करना होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा होती है। सामान्य चर्चा के साथ-साथ विभागीय अनुदान मांगों पर अलग से चर्चा होती है जबकि अन्य राज्यों में ऐसा नहीं किया जाता। इस मामले में छत्तीसगढ़ की विधानसभा अनूठी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिक संख्या में पत्रकारों की उपस्थिति से विधानसभा में वक्ताओं का उत्साहवर्धन होता है और वे ज्यादा प्रभावी तरीके से अपनी बात सदन में रखते है। डॉ. सिंह ने विधानसभा के नए सदस्यों के वक्तव्य को भी अपने समाचार पत्र में जगह प्रदान करने का अनुरोध किया ताकि वे ज्यादा उत्साह के साथ कार्रवाई में हिस्सा लें। डॉ. सिंह ने कहा कि आमतौर पर स्थगन प्रस्ताव अथवा प्रश्नकाल में पत्रकार ज्यादा संख्या में उपस्थित रहकर पूरी रिपोर्टिंग करते हैं, उन्हे सामान्य बजट अथवा विधि निर्माण पर चर्चा को भी पूरी गंभीरता से लेकर रिपोर्टिंग करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कि विधानसभा में हुई चर्चा के जो अंश विलोपित कर दिए जाते हैं, उन्हें समाचार पत्रों में प्रकाशन अथवा प्रसारण नहीं किया जाना चाहिए। ऐसी बातों को विधानसभा की कार्रवाई के हिस्से नहीं माना जाता है।
विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने भी संसदीय रिपोर्टिंग में पत्रकारों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार निश्चित रूप से बेहतर कार्य कर रहे हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि पत्रकारों का यह दायित्व है कि वे सभा की कार्रवाई जनता के समक्ष इस प्रकार प्रस्तुत करें कि सदन की गरिमा एवं प्रतिष्ठा पर किसी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव न हो और साथ ही इन सदनों में होने वाली चर्चा को भिन्न स्वरूप में जनता के समक्ष प्रस्तुत नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसदीय रिपोर्टर के लिए आवश्यक है कि वे स्वयं में आत्म अनुशासन का गुण विकसित करें। संसदीय व्यवस्था के प्रति उसका नजरिया सकारात्मक और सम्मानजनक हो, उसे संसदीय शब्दावली, संसदीय प्रक्रिया और नियमांे का भी ज्ञान होना आवश्यक है।
नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस.सिंहदेव ने कहा कि जनतंत्र को मजबूत बनाने में मीडिया बनाने में मीडिया की अहम भूमिका है। विधानसभा में कार्रवाई में अधिक से अधिक खुलापन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनतंत्र के विकास में सबकी भागीदारी जरूरी है। संसदीय कार्यमंत्री श्री अजय चंद्राकर ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ पत्रकार भी जनता के प्रति जवाबदेह हैं। इसी भावना के अनुरूप उन्हें रिपोर्टिंग करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यशाला से मीडिया को जानकारी मिलने के साथ-साथ एक दूसरे को समझने का अवसर भी मिलता है। विधानसभा के प्रमुख सचिव श्री देवेन्द्र वर्मा ने स्वागत उदबोधन दिया। मुख्य वक्ता के रूप में मध्यप्रदेश से आए वरिष्ठ पत्रकार श्री सोमदत्त शास्त्री और दूरदर्शन के पूर्व महानिदेशक श्री लीलाधर मंडलोई भी उपस्थित थे।