मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में दो विकास प्राधिकरणों की बैठक

रायपुर

  • सभी जिला मुख्यालयों में 31 मार्च और जनपद मुख्यालयों में 31 मई तक रेडक्रॉस मेडिकल स्टोर खोलने के निर्देश
  • सरकारी डॉक्टर अनिवार्य रूप से लिखें जेनेरिक दवाई: डॉ. रमन सिंह
  • दोनों प्राधिकरणों से अब तक 517 करोड़ के ग्यारह हजार से ज्यादा निर्माण कार्य मंजूर
  • छह हजार से ज्यादा किसानों के असाध्य सिंचाई पम्पों को
    बिजली देने 34.60 करोड़ का अनुदान स्वीकृत
  • अब तक चार हजार से ज्यादा सिंचाई पम्पों को मिला कनेक्शन 

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अधिकारियों को इस वर्ष 31 मार्च तक राज्य के सभी 27 जिला मुख्यालयों में और 31 मई तक सभी 146 जनपद पंचायत मुख्यालयों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रेडक्रॉस मेडिकल स्टोर खोलने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से कहा है कि वहां रेडक्रॉस मेडिकल दुकानों के माध्यम से मरीजों के लिए जेनेरिक औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। डॉ. सिंह ने आज शाम नया रायपुर स्थित मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण और राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण की बैठकों में इस आशय के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से कहा कि दोनों प्राधिकरणों से जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर स्वीकृत किए जाने वाले कार्याें की नियमित मॉनिटरिंग करें और उन्हें सम्पूर्ण गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करवाएं। प्राधिकरणों से मंजूर होने वाले कार्यों की सूची प्रत्येक ग्राम पंचायत में भी प्रदर्शित की जाए।
डॉ. रमन सिंह ने बैठक में कहा कि जेनेरिक दवाईयां ब्रांडेड की तुलना में सस्ती होती हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता ब्रांडेड से कम नहीं होती। इसलिए मरीजों को विभिन्न बीमारियों में सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाई जेनेरिक दवा के रूप में उपलब्ध कराई जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि यह राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय भी है। इसलिए इसका गंभीरता से पालन सुनिश्चित किया जाए और सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को स्पष्ट हिदायत दी जाए कि वे अपने मरीजों को जेनेरिक दवाईयां लिखें और रेडक्रास के मेडिकल स्टोर से उपलब्ध भी कराएं। उन्होंने इसके लिए जन-जागरण की जरूरत पर भी बल दिया। डॉ. रमन सिंह ने जिला कलेक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए उल्टी-दस्त, पीलिया और अन्य संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए समय पूर्व सभी जरूरी तैयारियां पूर्ण कर ली जाए। सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था का भी पूरा ध्यान रखा जाए। डॉ. सिंह ने अधिकारियों को प्रदेश के प्रमुख तीर्थ स्थलों गिरौदपुरी, डोंगरगढ़, भोरमदेव, दामाखेड़ा आदि में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन को ध्यान में रखकर वहां पर्याप्त संख्या में सुलभ सार्वजनिक शौचालय बनवाने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित दोनों बैठकों में बताया गया कि दोनों प्राधिकरणों द्वारा अपने गठन के बाद से चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 में अपने-अपने कार्य क्षेत्र के जिलों में अब तक जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर 517 करोड़ रूपए के 11 हजार 576 कार्य स्वीकृत किए जा चुके हैं, इनमें से नौ हजार 356 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। शेष कार्य प्रगति पर हैं। किसानों के असाध्य सिंचाई पम्पों के विद्युतीकरण के लिए प्राधिकरण की ओर से छह हजार 036 प्रकरणों में 34 करोड़ 60 लाख रूपए के अनुदान की स्वीकृति दी गई है। इनमें से चार हजार 199 किसानों के सिंचाई पम्पों को बिजली का कनेक्शन दिया जा चुका है। अधिकारियों ने बैठक में बताया कि अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण द्वारा तीन हजार 387 किसानों के पम्प विद्युतीकरण के लिए 22 करोड़ 63 लाख रूपए मंजूर किए गए थे, इनमें से 21 करोड़ 15 लाख रूपए खर्च कर तीन हजार 199 किसानों के खेतों में सिंचाई पम्पों को बिजली का कनेक्शन दिया जा चुका है। इसी तरह छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण की राशि से दो हजार 649 किसानों के सिंचाई पम्पों को बिजली का कनेक्शन स्वीकृत किया गया। इसके लिए 11 करोड़ 97 लाख रूपए मंजूर किए गए। इनमें से एक हजार किसानों के पम्पों का विद्युतीकरण हो चुका है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की यह 17वीं और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण की पांचवीं बैठक थी। अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की आज की अब तक आयोजित बैठकों में 68 महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए गए थे, इनमें से 62 फैसलों पर अमल पूर्ण किया जा चुका है और शेष छह प्रगति पर हैं। इसी तरह छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण की अब तक की बैठकों में लिए गए 18 नीतिगत फैसलों में से 12 पर अमल पूर्ण किया जा चुका है। आज की बैठक में यह भी बताया कि अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण द्वारा मिनीमाता स्वावलंबन योजना के तहत अब तक 18 करोड़ रूपए मंजूर किए जा चुके हैं। इस राशि से अनुसूचित जाति के एक हजार 370 युवाओं को स्वरोजगार प्रशिक्षण के साथ अनुदान सहायता का लाभ दिलाया गया है।
दोनों प्राधिकरणों की अलग-अलग बैठकों में गृह मंत्री श्री रामसेवक पैकरा, खाद्य मंत्री श्री पुन्नुलाल मोहले ,लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर, स्कूल शिक्षा और आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती रमशीला साहू , लोकसभा सांसद श्रीमती कमला देवी पाटले, विधायकगण सर्वश्री दयालदास बघेल, राजमहन्त सावला राम डाहरे, लाभचन्द ंबाफना, दिलीप लहरिया, नवीन मारकण्डे, डॉ. सनम जांगड़े, रामलाल चौहान,अम्बेश जांगड़े, डॉ. (श्रीमती) रेणु जोगी, श्रीमती सरोजनी बंजारे  और श्रीमती केरा मनहर सहित प्राधिकरणों के अन्य सदस्य उपस्थित थे । दोनों बैठकों में मुख्य सचिव श्री विवेक ढाँड, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री डी.एस.मिश्रा, कृषि और खाद्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय सिंह, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एम.के.राउत, पुलिस महानिदेशक श्री ए.एन.उपाध्याय, वाणिज्य और उद्योग विभाग के सचिव श्री सुबोध सिंह, सामान्य प्रशासन विभाग के विशेष सचिव श्री डी.डी.सिंह, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्री आर.प्रसन्ना, आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग श्री एन. के. खाखा, कमिश्नर रायपुर संभाग डॉ. बी.एल. तिवारी और कमिश्नर बिलासपुर श्री सोनमणि बोरा सहित सभी जिलों के कलेक्टर और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे ।