रायपुर
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य सड़क विकास निगम का गठन करने, हिंसक जंगली जानवरों के हमलों में जनहानि और पशु हानि की स्थिति में दी जाने वाली मुआवजा राशि बढ़ाने और सहकारी समितियों का चुनाव कराने के लिए राज्य सहकारी निर्वाचन आयोग गठित करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद लोक निर्माण, आवास और पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत ने केबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य सड़क विकास निगम मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में गठित किया जाएगा। विभागीय मंत्री इसके उपाध्यक्ष होंगे। सदस्य के रूप में संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहेंगे।
श्री मूणत ने बताया कि राज्य निर्माण के बाद छत्तीसगढ़ में हर क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है, इसके फलस्वरूप सड़कों पर यातायात का दबाव कई गुना बढ़ गया है। इसके अलावा राज्य में सड़कों का घनत्व 69.51 किलोमीटर प्रति 100 वर्ग किलोमीटर पर है, जबकि राष्ट्रीय औसत 142.68 किलोमीटर प्रति 100 वर्ग किलोमीटर पर है। इसके अलावा मुख्य सड़कों को निरंतर एक लेन से दो लेन, दो लेन से चार लेन और चार लेन से छह लेन में परिवर्तित करने के कार्यों में भी तेजी लाने की जरूरत है। इसे ध्यान में रखकर सड़क अधोसंरचना के विकास के लिए विभाग द्वारा लंबे समय से यह जरूरत महसूस की जा रही थी कि आर्थिक महत्व के क्षेत्रों को जोड़ने वाले मार्गों के विकास के लिए अलग से निगम का गठन किया जाए। यह निगम सड़कों की बढ़ी हुई जरूरतों के साथ नई रणनीति और तकनीकों का समन्वय कर तेजी से सड़कों और पुल-पुलियों का निर्माण करवा सकेगा। निगम के गठन से ये कार्य समय सीमा में होंगे, गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जाएगी और वित्तीय तथा अत्याधुनिक संसाधन जुटाने में भी आसानी होगी। निगम का कार्य क्षेत्र संपूर्ण छत्तीसगढ़ होगा। निगम द्वारा ऐसे राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्यमार्ग, पुल-पुलिया और अन्य महत्वपूर्ण मार्गों का कार्य लिया जाएगा जो शासन द्वारा समय-समय पर चिन्हित किए जाएंगे। इस निगम के गठन से आधुनिक सड़क अधोसंरचना विकास के लिए निजी क्षेत्र में उपलब्ध उत्कृष्ट तकनीकी प्रबंधकीय और वित्तीय सेवाएं प्राप्त कर उच्च गुणवत्ता के यातायात मार्गों का विकास किया जा सकेगा। निगम द्वारा भविष्य में राज्य सरकार के आदेश पर भवन, एयरपोर्ट, कॉरीडोर, सड़क आदि का भी निर्माण किया जा सकेगा।
श्री मूणत ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज केबिनेट ने जंगली जानवरों के हमले में मृत्यु अथवा घायल होने के प्रकरणों में दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि बढ़ाने का भी निर्णय लिया। प्रदेश में ऐसे मामलों में क्षतिपूर्ति का प्रावधान वर्ष 1977 से लागू है, इसके अंतर्गत 22 सितंबर, 2010 को क्षतिपूर्ति (मुआवजा) राशि की दरों में संशोधन किया गया था। लगभग साढ़े तीन साल में विभिन्न वस्तुओं की मूल्य वृद्धि को ध्यान में रखकर मंत्रिपरिषद ने आज पुनः इन दरों को संशोधित कर बढ़ाने का निर्णय लिया। अब जंगली जानवरों के हमलों में मृत्यु होने की स्थिति में मृतक के परिवार को मिलने वाली मुआवजा राशि दो लाख से बढ़ाकर तीन लाख रूपये कर दी गई है। स्थायी रूप से अपंग होने पर प्रभावित व्यक्ति को दी जाने वाली मुआवजा राशि 75 हजार रूपए से बढ़ाकर डेढ़ लाख रूपए कर दी गई है। घायल व्यक्ति को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि 20 हजार रूपए से बढ़ाकर 40 हजार रूपए की गई है और पशु हानि की स्थिति में दी जाने वाली मुआवजा राशि 15 हजार रूपए से बढ़ाकर 20 हजार रुपए कर दी गई है।
मंत्रिपरिषद ने आज राज्य सहकारी निर्वाचन आयोग गठित करने का भी निर्णय लिया। इस आयोग के माध्यम से सहकारी समितियों और सहकारी बैंकों के संचालक मंडलों के चुनाव कराए जाएंगे। आयोग के गठन के लिए छत्तीसगढ़ सोसायटी अधिनियम 1960 में संशोधन किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन कराने से संबंधित प्रावधानों को सुसंगत बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम-1960 में यह संशोधन प्रस्तावित है।