मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में प्राधिकरणों की बैठक : अल्प वर्षा की स्थिति से निपटने राज्य सरकार सजग

रायपुर 

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार अल्प वर्षा की स्थिति से निपटने के लिए सजग है। डॉ. सिंह ने आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण की चौथी बैठक और अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की सोलहवीं बैठक में जन प्रतिनिधियों को विश्वास दिलाया कि मानसून अगर कमजोर पड़ता है तो प्रदेश सरकार किसानों और सभी जरूरतमंद लोगों को हर संभव राहत पहुंचाएगी, इसके लिए सभी जिला कलेक्टरों को आकस्मिक कार्य योजना तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने खाद-बीज वितरण और बोनी की स्थिति की भी अधिकारियों से जानकारी ली।  डॉ. रमन सिंह ने दोनों बैठकों में मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्राधिकरणों से अब तक स्वीकृत निर्माण कार्यों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की।
    

बैठकों में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए जेनेरिक दवाइयों के लिए उपलब्धता बनाए रखने, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और जिला अस्पतालों में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी के गठन के भी निर्देश दिए। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि जेनेरिक दवाईयां ब्रांडेड दवाईयों की तुलना में काफी सस्ती होती है और उनकी गुणवत्ता भी ब्रांडेड दवाईयों जैसी होती है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जिला अस्पताल परिसरों में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी के मेडिकल स्टोर्स में पर्याप्त मात्रा में जेनेरिक दवाइयां रखी जाएं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और नए जिलों के जिला अस्पतालों में रेडक्रॉस सोसायटी का गठन एक माह के भीतर सुनिश्चित किया जाए। सरकारी अस्पतालों को जेनेरिक दवाईयों की सप्लाई राज्य सरकार के मेडिकल कार्पोरेशन द्वारा करने का प्रावधान किया गया है।  जेनेरिक दवाओं के बारे में प्रचार-प्रसार और जन-जागरण का अभियान चलाया जाए। सभी सरकारी डॉक्टर मरीजों को अनिवार्य रूप से जेनेरिक दवाईयां लिखें। अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की आज की बैठक में मिनीमाता स्वावलंबन योजना के तहत तीन सौ बेरोजगारों को विभिन्न व्यवसायों के लिए चार करोड़ 50 लाख रूपए की धनराशि मंजूर की गई। इसके साथ दोनों प्राधिकरणों के जिलों में एक हजार 800 किसानों के असाध्य सिंचाई पम्पों को बिजली का कनेक्शन देने के लिए आज की बैठकों में कुल नौ करोड 15 लाख रूपए भी मंजूर किए गए। इनमें से एक हजार 520 सिंचाई पम्प कनेक्शनों के लिए सात करोड़ रूपए ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण से और 280 विद्युत कनेक्शनों के लिए दो करोड़ 15 लाख रूपए अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण से मंजूर किए गए।
    

विकास कार्यों के प्रस्तावों सहित राज्य में अवर्षा की स्थिति को लेकर भी दोनों बैठकों में समीक्षा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून की कमजोरी के देखते हुए राज्य सरकार सजग है। मौसम आधारित फसल बीमा योजना के लिए हमने हर 10 किलोमीटर में मौसम केन्द्र बनाकर वर्षा मापक यंत्र लगाने और बारिश के आंकड़े संकलित करने का निर्णय लिया है। पहले मौसम आधारित फसल बीमा के लिए आवेदन/पंजीयन कराने की तारीख 15 जुलाई 2014 तय की गई थी,  जो अब 31 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। हर जिले में रोजगार मूलक कार्यों के लिए आकस्मिक कार्य योजना तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। किसानों के सिंचाई पंपों को निरंतर बिजली मिले, यह सुनिश्चित किया जा रहा है।
    

बैठक में बताया गया कि राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण की राशि से वर्ष 2013-14 में कुल 1117 किसानों के असाध्य सिंचाई पंपों को बिजली का कनेक्शन देने के लिए लगभग चार करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। अब तक इनमें से 640 किसानों के असाध्य पंपों को कनेक्शन दिए जा चुके हैं। शेष 477 किसानों के पंपों को अक्टूबर 2014 तक कनेक्शन देने का लक्ष्य है। आज की बैठक में इस प्राधिकरण से एक हजार 520 असाध्य सिंचाई पम्पों को कनेक्शन देने के लिए सात करोड़ रूपए मंजूर किए गए। बैठक में बताया गया कि राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण से विभिन्न जिलों में जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों पर लगभग 102 करोड़ रूपए के दो हजार 557 कार्य मंजूर किए जा चुके हैं। इनमें से एक हजार 760 कार्य पूर्ण हो गए हैं। शेष कार्य प्रगति पर हैं। चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 में पूरे प्रदेश में विद्युत वितरण कंपनी 21 हजार सिंचाई पंप कनेक्शनों के लक्ष्य के विरुद्ध 27 हजार पंप कनेक्शन दे चुकी है। मुख्यमंत्री ने सदस्यों को बताया कि इस बार केन्द्र से हमें लगभग ढाई हजार सोलर पंपों के लिए स्वीकृति मिल रही है। इसका उपयोग असाध्य पंपों के प्रकरणों में किया जाएगा।
    

बैठकों में कृषि विभाग की ओर से बताया गया कि पूरे प्रदेश में इस वर्ष एक जून से अब तक जो बारिश हुई है, वह पिछले 10 वर्षों के औसत का सिर्फ 43 प्रतिशत है। केवल 3 जिलों – कोरिया, बलौदाबाजार और कबीरधाम में 10 वर्षों के औसत की अब तक 80 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञानिकों ने 12 जुलाई से मानसून के फिर सक्रिय होने का अनुमान व्यक्त किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास के विभिन्न कार्यों के बारे में चर्चा हुई। अधिकारियों ने बैठक में बताया कि ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण की राशि से वित्तीय वर्ष 2012-13 में 1173 कार्य मंजूर किए गए थे। इनमें से लगभग 36 करोड़ के 694 कार्य पूर्ण किए गए। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2013-14 में 47 करोड़ की राशि से 1384 कार्य स्वीकृत किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने आज की बैठक में कलेक्टरों को वर्ष 2013-14 के अपूर्ण कार्य 30 नवंबर 2014 तक और वर्ष 2012-13 के अपूर्ण कार्य अक्टूबर 2014 तक पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने प्राधिकरण मद से स्वीकृत कार्यों की जानकारी देने के लिए कार्य स्थल पर अलग से बोर्ड लगाने के भी निर्देश दिए गए।     इस वित्तीय वर्ष में प्राधिकरण का मुख्य बजट 52 करोड़ रुपए है, इससे लिए जाने वाले छोटे-छोटे स्थानीय महत्व के कार्यों के बारे में चर्चा हुई। प्राधिकरण की विगत बैठक के बाद जन प्रतिनिधियों के प्रस्तावों पर लगभग 2 करोड़ रुपए के 48 कार्य मंजूर किए गए थे, आज की बैठक में इनका कार्योत्तर अनुमोदन किया गया। अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की बैठक में बताया गया कि प्राधिकरण द्वारा अपनी बैठकों में अब तक 64 महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए गए हैं। इनमें से 61 फैसलों पर अमल किया जा चुका है और तीन प्रगति पर हैं। इसी तरह ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण की अब तक की बैठकों में 14 महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए गए और उनमें से 12 को पूर्ण कर लिया गया। शेष दो प्रगति पर है।
    

दोनों बैठकों में गृह और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री राम सेवक पैकरा, कृषि और जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चंद्राकर, आवास, पर्यावरण एवं लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत, उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पांडेय, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री पुन्नू लाल मोहले, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, विधायकगण सर्वश्री शिवरतन शर्मा, संतोष उपाध्याय, लाभचंद बाफना, धनेन्द्र साहू, राजू सिंह क्षत्रीय, मोती लाल देवांगन, रोशन लाल अग्रवाल, गुरूमुख सिंह होरा, दयालदास बघेल, गोवर्धन मांझी, अवधेश चंदेल, भैयाराम सिन्हा, राजेन्द्र कुमार राय, चुन्नीलाल साहू (खल्लारी), चुन्नीलाल साहू (अकलतरा), भोलाराम साहू, दलेश्वर साहू, मोतीराम चंद्रवंशी, सियाराम कौशिक, दिलीप लहरिया, अशोक साहू, गिरिवर जंघेल, तोखनलाल साहू, अम्बेश जांगड़े, केशवचंद्रा, खिलावन साहू, नवीन मारकण्डेय, रामलाल चौहान, डॉ. विमल चोपड़ा,  श्रीमती सरोजनी बंजारे, श्रीमती केराबाई मनहर, श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, श्रीमती अनिला भेड़िया, सहित कई विधायक, अध्यक्ष जिला पंचायत रायपुर श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, अध्यक्ष जिला पंचायत महासमुन्द श्रीमती सरला कोसरिया, अध्यक्ष जिला पंचायत बिलासपुर श्रीमती अंजना मुलकुलवार, अध्यक्ष जिला पंचायत जांजगीर-चांपा श्रीमती सूरज व्यास कश्यप, अध्यक्ष जिला पंचायत दुर्ग श्री जीवन वर्मा, अध्यक्ष जिला पंचायत धमतरी श्री बालाराम साहू, अध्यक्ष जिला पंचायत राजनांदगांव श्री दिनेश गांधी भी बैठकों में मौजूद थे।  मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, अपर मुख्य सचिव तथा कृषि उत्पादन आयुक्त श्री अजय सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री डी.एस. मिश्रा तथा विभिन्न विभागों के सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी और प्राधिकरण क्षेत्र के राजस्व संभागों के आयुक्त और संबंधित जिलों के कलेक्टर भी उपस्थित थे।