रायपुर, 10 अगस्त 2014
- राहत शिविरों का दौरा जारी : प्रभावितों को हर संभव मदद
- बाढ़ प्रभावित गांवों में संक्रामक बीमारियों की रोकथाम और जलशुद्धिकरण के उपाय शुरू
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर राज्य के बाढ़ग्रस्त जिलों में प्रशासनिक अधिकारियों ने टीम बनाकर पीड़ित परिवारों को मदद पहुंचाने का अभियान शुरू कर दिया है। ये अधिकारी गांवों का सघन दौरा कर रहे हैं और मौके पर ही ग्रामीणों से चर्चा कर राहत शिविरों तथा राहत उपायों की समीक्षा भी कर रहे हैं। इसी कड़ी में रायगढ़ जिले के कलेक्टर श्री मुकेश बंसल ने आज महानदी के किनारे विकासखंड पुसौर और बरमकेला के बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत शिविरों का दौरा किया।
ज्ञातव्य है कि इस महीने की चार और पांच तारीख को भारी वर्षा के कारण राज्य के पांच जिलों- बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर-चाम्पा, रायगढ़ और कोरबा के 73 गांवों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई और लगभग 45 हजार 658 लोग प्रभावित हुए। इस महीने की छह तारीख की स्थिति में उनके लिए 73 राहत शिविर संचालित किए जा रहे थे। इनमें 13 हजार 718 लोगों को ठहराया गया था। बाढ़ का पानी उतरने पर अब इन शिविरों से लोगों का घर लौटना भी शुरू हो गय है। प्रभावित गांवों में संक्रामक बीमारियों की समय पूर्व रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर और चिकित्सा कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है। इन गांवों में जल शुद्धिकरण के लिए ब्लीचिंग पावडर और क्लोरिन टेबलेट की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
कलेक्टर रायगढ़ ने आज बाढ़ प्रभावित विकासखंड पुसौर के ग्राम चंगोरी, खपरापाली, सूरजगढ़ और पड़िगांव तथा विकासखंड बरमकेला के ग्राम परसरामपुर, रानीडीह, कोर्रा, पोरथ और तोरा में ग्रामीणों से मुलाकात की। कलेक्टर के साथ जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी, अपर कलेक्टर, संबंधित अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, तहसीलदार और दोनों जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भी थे। कलेक्टर ने राहत शिविरों में ठहराए गए परिवारों के लिए भोजन, पेयजल, बिजली और साफ-सफाई की व्यवस्था का भी जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को शिविरों में बाढ़ पीड़ितों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने ग्रामीणों को बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप जिले के तीनों विकासखंडों-पुसौर, बरमकेला और सारंगढ़ के सभी 46 बाढ़ प्रभावित गांवों में अधिकारियों और कर्मचारियों के दल गठित सर्वेक्षण करके मकानों और फसलों आदि को हुए नुकसान पर संबंधित परिवारों को राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड 6-4 के तहत मुआवजा दिया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि संबंधित इलाकों के शासकीय चिकित्सक और उनके मातहत कर्मचारी प्रतिदिन प्रभावित गांवों का दौरा करें। इन गांवों में संक्रामक जल शुद्धिकरण के लिए लोगों को क्लोरिन टेबलेट पर्याप्त मात्रा में वितरित किए जाए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन गांवों में लोगों को पानी उबालकर पीने की सलाह दी जा रही है।
ज्ञातव्य है कि इस महीने की चार और पांच तारीख को भारी वर्षा के कारण राज्य के पांच जिलों- बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर-चाम्पा, रायगढ़ और कोरबा के 73 गांवों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई और लगभग 45 हजार 658 लोग प्रभावित हुए। करीब एक हजार 448 मकानों को पूर्ण रूप से तथा छह हजार 396 मकानों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा। इसके साथ ही 15 हजार 773 हेक्टेयर खेतों में फसलों पर भी नदी-नालों की बाढ़ का असर हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्राकृतिक विपदा को देखते हुए इस महीने की सात तारीख को मंत्रिपरिषद की बैठक में स्थिति की समीक्षा कर सभी संबंधित जिला कलेक्टरों को राहत कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए थे।